इजरायल ने सीरियाई रक्षा मंत्रालय पर ड्रोन हमला किया (फोटो- सोशल मीडिया)
दमिश्क: इजरायल ने एक बार फिर मीडिल ईस्ट में जंग की शुरूआत कर दी है। इस बार उसने सीरीया को अपना निशाना बनाया है। इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने बुधवार को सीरिया की राजधानी दमिश्क में सीरियाई रक्षा मंत्रालय पर बड़ा ड्रोन हमला किया है। जिसमें मंत्रालय की बिल्डिंग पूरी तरह से तबाह हो गया है।
बताया जा रहा है कि, इजरायल सोमवार से ही सीरिया की इस्लामिक नेतृत्व वाली सरकार की सेना को लगातार निशाना बना रहा है। यह हमले दक्षिणी सीरियाई शहर स्वैदा में स्थानीय सुरक्षा बलों और ड्रूज समुदाय के लड़ाकों के बीच हुई झड़प के बाद शुरू हुए। इसके बाद इजरायल ने सीरियाई सैन्य ठिकानों को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
😳 Another war? “Warnings to Syria are over — now there will be painful strikes,” said Israel’s Defense Minister.
Reports say the IDF hit the General Staff building and the Presidential Palace. Local media report many fires in Damascus. pic.twitter.com/We5tCmt69Z
— Angelica Shalagina🇺🇦 (@angelshalagina) July 16, 2025
टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने कहा है कि उनके हमलों का मकसद सीरिया में ड्रूज अल्पसंख्यकों को सीरियाई सेना की कार्रवाई से बचाना है। आईडीएफ ने स्पष्ट किया कि ड्रूज समुदाय की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि, उन्होंने दमिश्क स्थित सीरियाई शासन के सैन्य मुख्यालय परिसर के प्रवेश द्वार पर हमला किया है। सेना का कहना है कि वे दक्षिणी सीरिया में ड्रूज नागरिकों के खिलाफ की जा रही सैन्य गतिविधियों पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
वहीं, सीरियाई रक्षा मंत्रालय के एक सुरक्षा सूत्र ने रॉयटर्स को बताया कि मंत्रालय की इमारत पर दो ड्रोन हमले हुए, जिसके बाद अधिकारी बेसमेंट में छिप गए। सरकारी चैनल इख़बारिया टीवी ने बताया कि इस हमले में दो नागरिक घायल हुए हैं।
सीरिया पर इजरायली हमले कि शुरूआत सोमवार को तब हुई, जब सीरिया से सोमवार को ड्रूज लड़ाकों और बेदोइन सशस्त्र समूह के बीच लड़ाई को दबाने के लिए शहर में सरकारी सैनिक के घुसने की खबर आई। इसके बाद से ड्रूज लड़ाकों और सरकारी बलों के बीच ही लड़ाई छिड़ गई। दोनों के बीच संघर्षविराम तो सोमवार को ही हो गया था लेकिन इसके बाद भी दोनों पक्ष लगातार इसका उल्लंघन कर रहे हैं।
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ड्रूज समुदाय मूल रूप से अरब माने जाते हैं और इनकी उत्पत्ति 11वीं सदी में मिस्र में हुई थी। यह समुदाय मुख्य रूप से सीरिया, लेबनान, जॉर्डन और इजरायल में निवास करता है, और इनकी कुल संख्या लगभग 10 लाख के आसपास है। ड्रूज किसी एक पारंपरिक धर्म को नहीं मानते, बल्कि इनका धर्म हिंदू, बौद्ध और अन्य धर्मों की मान्यताओं का मिश्रण है, जो एक विशिष्ट और अलग पहचान रखता है।