गाजा हमले की एक तस्वीर, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
गाजा: इजरायली सेना हमास पर जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा में भारी हवाई हमले कर रही है। इन हमलों में अब तक कम से कम 34 लोगों की मौत हो चुकी है। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, यह हमले ऐसे समय पर किए गए हैं, जब गाजा में मानवीय संकट लगातार बढ़ रहा है और युद्धविराम की उम्मीदें धीरे-धीरे बढ़ती जा रही हैं।
यह हमले शुक्रवार देर रात शुरू हुए और शनिवार सुबह तक चले। गाजा शहर में स्थित ‘पैलेस्टाइन स्टेडियम’ पर हुए हवाई हमले में 12 लोगों की जान चली गई, जहां विस्थापितों ने शरण ले रखी थी। इसके अलावा, एक अपार्टमेंट पर हुए हमले में 8 अन्य लोग मारे गए। मृतकों के शवों को शिफा अस्पताल ले जाया गया, जहां अस्पताल के कर्मचारियों ने इसकी पुष्टि की।
गाजा के दक्षिणी इलाके मुवासी में तंबू पर हमले में 6 लोगों की मौत हो गई। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अगले हफ्ते तक गाजा संघर्ष को लेकर युद्धविराम समझौता हो सकता है। व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, “हम गाजा मुद्दे पर काम कर रहे हैं और इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।”
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इज़रायल के रणनीतिक मामलों के मंत्री रॉन डर्मर अगले सप्ताह वाशिंगटन जाएंगे, जहां गाजा युद्धविराम, ईरान और अन्य मुद्दों पर चर्चा होगी। एक अमेरिकी अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर यह बात कही, क्योंकि उनके पास मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं थी।
गाजा पर इजरायली हमले की एक तस्वीर
पिछले मार्च में युद्धविराम समाप्त होने के बाद से इजरायल गाजा में सैन्य अभियान चला रहा है, जिससे वहां मानवीय स्थिति और भी बदतर हो गई है। इस युद्ध के कारण अब तक 56,000 से अधिक फिलीस्तीनियों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ये आंकड़े नागरिकों और लड़ाकों दोनों को मिलाकर हैं।
इसके साथ ही, 7 अक्टूबर, 2023 को हमास के हमले के दौरान लगभग 50 इजरायली नागरिकों को बंधक बना लिया गया था, जो अभी भी गाजा में फंसे हुए हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इनमें से केवल आधे से भी कम बंधकों के जीवित बच पाने की संभावना है। यही घटना इस 21 महीने से चल रहे युद्ध की शुरुआत का कारण बनी थी। बंधकों के परिवारों को उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने इजरायल और ईरान के बीच युद्धविराम कराने में मध्यस्थता की थी, वे गाजा में भी शांति समझौते के लिए दबाव बना सकते हैं।
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इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ईरान के साथ हुए संघर्ष में सफलता मिलने से देश के भीतर उन्हें मजबूत समर्थन प्राप्त हुआ है। इससे उनकी स्थिति मजबूत हुई है और वे गाजा युद्ध को समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। हालांकि, उनके दक्षिणपंथी गठबंधन साथी इसका विरोध कर रहे हैं।
वहीं, हमास ने लगातार यह संकेत दिया है कि अगर युद्ध बंद किया जाए तो वह सभी बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है। लेकिन नेतन्याहू का स्पष्ट रुख है कि जब तक हमास को पूरी तरह खत्म नहीं कर दिया जाता और गाजा से बाहर नहीं धकेल दिया जाता, तब तक युद्ध जारी रहेगा। हमास ने इस शर्त को खारिज कर दिया है, जिससे संघर्ष का समाधान और मुश्किल हो गया है।