लेबनान में इजरायल के हवाई हमले, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Israel Lebanon Conflict: इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के कई सदस्यों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए हैं। इजरायल डिफेंस फोर्सेज (आईडीएफ) का कहना है कि ये सदस्य हिज्बुल्लाह के सैन्य ढांचे को दोबारा सक्रिय करने की कोशिशों में शामिल थे जो इजरायल-लेबनान के बीच बनी सहमति का उल्लंघन है।
आईडीएफ के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि दक्षिणी लेबनान के सिदोन इलाके में हिज्बुल्लाह आतंकियों पर सटीक हमले किए गए। सेना का दावा है कि इन हमलों का मकसद उत्तरी इजरायल की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और संभावित खतरों को समय रहते खत्म करना था।
इन हमलों के बीच यह भी सामने आया है कि शुक्रवार को इजरायल और लेबनान के प्रतिनिधियों के बीच अमेरिका की मध्यस्थता में बातचीत हुई थी। यह बैठक दक्षिण-पश्चिम लेबनान के नकौरा शहर में आयोजित की गई जो इजरायल की उत्तरी सीमा के पास स्थित है। बातचीत के एजेंडे में हिज्बुल्लाह का निशस्त्रीकरण, सीमा सुरक्षा और दक्षिणी लेबनान के गांवों से विस्थापित लोगों की सुरक्षित वापसी जैसे अहम मुद्दे शामिल थे।
इजरायल की ओर से नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में विदेश नीति के उप निदेशक योसेफ ड्रेजिन ने इस बैठक में हिस्सा लिया,ृ जबकि लेबनानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिका में लेबनान के पूर्व राजदूत साइमन करम ने किया। इजरायली बयान में कहा गया कि बैठक का फोकस हिज्बुल्लाह की गतिविधियों पर लगाम लगाने और आर्थिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर था ताकि सीमा के दोनों ओर स्थिरता सुनिश्चित की जा सके।
वहीं, लेबनानी राष्ट्रपति कार्यालय ने बताया कि बातचीत के दौरान विस्थापित नागरिकों की उनके घरों में सुरक्षित वापसी और मानवीय सहायता उपलब्ध कराने पर जोर दिया गया।
गौरतलब है कि हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच 27 नवंबर 2024 से युद्धविराम लागू है, लेकिन इसके बावजूद इजरायल समय-समय पर हिज्बुल्लाह पर हमले करता रहा है। इजरायल का कहना है कि ये कार्रवाई संभावित सुरक्षा खतरों को रोकने के लिए जरूरी है।
इससे पहले 14 दिसंबर को दक्षिणी लेबनान में इजरायली ड्रोन हमलों में हिज्बुल्लाह के तीन सदस्यों की मौत और एक के घायल होने की पुष्टि हुई थी। लेबनान की नेशनल न्यूज एजेंसी के मुताबिक, बिंत जबेल जिले के याटर गांव में एक मोटरसाइकिल और अलग-अलग इलाकों में दो कारों को ड्रोन हमलों में निशाना बनाया गया था। लेबनानी सुरक्षा सूत्रों ने मारे गए सभी लोगों के हिज्बुल्लाह से जुड़े होने की पुष्टि की थी।
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इजरायल का कहना है कि हिज्बुल्लाह की ऐसी गतिविधियां क्षेत्रीय शांति के लिए खतरा हैं और जब तक संगठन पूरी तरह से निष्क्रिय नहीं होता, तब तक इजरायल अपनी सुरक्षा के लिए कार्रवाई करता रहेगा।