ऑर्बिटर 5 ड्रोन (डिजाइन फोटो)
तेहरान: ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध में बड़े पैमाने पर उन्नत हथियारों का इस्तेमाल किया गया। ईरान और इजरायल दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ ड्रोन और मिसाइलें दागीं। इस संघर्ष में ईरान के हाथ इजरायल का बहुत बड़ा खजाना लगा है। ईरान को इजरायल के सबसे उन्नत जासूसी ड्रोन में से एक ‘ऑर्बिटर-5’ पूरी तरह सुरक्षित हालत में मिला है।
यह ड्रोन पश्चिमी तकनीक से लैस था, लेकिन ईरानी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली ने इसे जमीन पर गिरा दिया। अब ईरानी वैज्ञानिक इसे खोलकर इसकी तकनीक को समझ रहे हैं और हर हिस्से की कॉपी बना रहे हैं, जो इजरायल के लिए किसी टेंशन से कम नहीं है। ईरान ने इसे खोलने का वीडियो शेयर किया है। जिसने तेल अवीव से अमेरिका तक हड़कंप मचा दिया है।
इसके अलावा एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के सैकड़ों महंगे ड्रोन भी ईरान के हाथ लग गए हैं। दरअसल, इजरायल ने ईरान के अंदर से ड्रोन हमले भी किए थे। YT News ने इजरायली रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से बताया कि इजरायल की ओर से कई ड्रोन छोड़े गए थे, जिन्हें अब ईरान ने ढूंढ निकाला है।
अब इजरायल के लिए सबसे बड़ा खतरा इन ड्रोन की रिवर्स इंजीनियरिंग है। रिवर्स इंजीनियरिंग का मतलब है किसी मशीन या तकनीक को खोलकर समझना और फिर उससे मिलता-जुलता या उससे बेहतर कुछ बनाना और इसके लिए न तो किसी लाइसेंस की जरूरत होती है और न ही किसी कानूनी प्रतिबंध की। ऐसा हुआ तो आने वाले समय में यदि ईरान-इजरायल के बीच जंग छिड़ी तो वह इजरायल को उसी के ड्रोन्स के और घातक वर्जन से जवाब देगा।
रिवर्स इंजीनियरिंग में ड्रोन को खोलकर उसके रडार, कैमरा सिस्टम, प्रोसेसर, मोटर और चिप्स को डिजाइन किया जाता है। फिर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से उसकी डिजिटल मॉडलिंग की जाती है, जिसमें संरचना, क्षमता और उड़ान तकनीक का विश्लेषण किया जाता है।
⚡️BREAKING
Iran has unveiled an intact Israeli Orbiter-5 drone, equipped with the latest Western technology
The drone was neutralized by electronic warfare systems pic.twitter.com/GuviyzvngR
— Iran Observer (@IranObserver0) July 4, 2025
इसके बाद ईरान न सिर्फ उस ड्रोन की हूबहू नकल बना सकता है, बल्कि उससे ज्यादा घातक और आधुनिक ड्रोन भी बना सकता है। इतना ही नहीं, इनके जरिए ड्रोन की कमजोरी को भी समझा जा सकता है। इससे ईरान भविष्य में होने वाले किसी भी हमले को नाकाम कर सकता है।
इजराइल का ऑर्बिटर 5 एक एडवांस ड्रोन है, जो 25 घंटे से ज्यादा उड़ान भर सकता है। 25 किलोग्राम के पेलोड और 75 किलोग्राम के अधिकतम टेक-ऑफ वजन के साथ यह MALE ड्रोन जैसी क्षमताएं प्रदान करता है। इसे खुफिया, निगरानी और टोही (ISTAR) मिशनों के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें दोहरी एवियोनिक्स, कम शोर और समुद्री रडार और इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल सिस्टम जैसी बहु-उपकरण क्षमताएँ हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इज़राइल ने ‘हर्मीस’ जैसे मध्यम दूरी के ड्रोन तैनात किए थे, जो निगरानी और खुफिया जानकारी के लिए जाने जाते हैं। साथ ही, छोटे आकार के FPV क्वाडकॉप्टर ड्रोन भी थे, जिनमें विस्फोटक लोड था और जो कुछ सेकंड में बड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध में भी ऐसे ड्रोन का खूब इस्तेमाल हो रहा है।
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वहीं, ईरान ने पहले भी अमेरिका के स्टील्थ ड्रोन RQ-170 की नकल करके एक नया ड्रोन S-171 ‘सिमोर्ग’ बनाया था। अगर ईरान इन इज़राइली ड्रोन की हूबहू नकल बनाने में सफल हो जाता है, तो यह न केवल इज़राइल की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा होगा, बल्कि ईरान को सैन्य रणनीति में भी जबरदस्त बढ़त मिलेगी।