(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: जहां बीते शनिवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर एक चुनावी सभा में हमला हुआ था। वहीं इस घटना के आज 3 दिन बीतने के बाद भी इससे जुड़ी नई जानकारी सामने आ रही है। ट्रंप के ऊपर हुए हमले में अब अमेरिका के कट्टर दुश्मन ईरान का नाम भी जुड़ रहा है।
दरअसल CNN की एक रिपोर्ट की मानें तो हमले से पहले अमेरिका प्रशासन को खुफिया जानकारी मिली थी कि ईरान डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रच रहा है। इस खतरे की जानकारी मिलने के बाद ही सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप की सुरक्षा और भी बढ़ाई थी। हालांकी अमेरिका में मौजूद ईरान के दूत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। ईरान दूतावास ने साफ कहा कि आरोप निराधार और दुर्भावनापूर्ण हैं।
हालांकि अब तक इससे जुड़ा कोई भी सबूत नहीं मिला है कि पूर्व राष्ट्रपति पर गोली चलाने वाला शख्स मैथ्यू क्रूक्स क्या ईरान की किसी साजिश का हिस्सा था। इधर ट्रंप की सुरक्षा बढ़ाने के बाद भी एक 20 साल का हमलावर ट्रंप के करीब तक कैसे पहुंचने में कामयाब रहा और फिर गोलियां चलाई। इसके चलते पेंसिल्वेनिया पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इधर खबर है कि ईरान से खतरे के कारण अमेरिकी ‘सीक्रेट सर्विस’ ने बीते शनिवार को हुए पूर्व राष्ट्रपति की हत्या के प्रयास से पहले डोनाल्ड ट्रंप के इर्द-गिर्द सुरक्षा बढ़ाने के कदम उठाए थे लेकिन इस हमले का मूल खतरे से कोई संबंध नहीं जान पड़ता है। ऐसा दो अमेरिकी अधिकारियों ने जानकारी दी।
इन अधिकारियों ने बताया कि खतरे के बारे में पता चलने पर बाइडन प्रशासन ने ‘सीक्रेट सर्विस’ के वरिष्ठ अधिकारियों से संपर्क किया और उन्हें इस बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि इसे ट्रंप के सुरक्षा घेरे और ट्रंप के चुनाव प्रचार दल से जुड़े शीर्ष एजेंट के साथ साझा किया गया। इसके बाद सीक्रेट सर्विस ने ट्रंप की सुरक्षा और कड़ी कर दी थी।
यह भी पढ़ें – एक बार फिर बाल बाल बचे डोनाल्ड ट्रम्प! कन्वेंशन सेंटर के पास चाकू लहरा रहे व्यक्ति को पुलिस ने गोली मारी, मौत
यह भी कहा गया कि सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप के अभियान दल को खुले में कोई भी बड़ी सभा न करने की सलाह दी थी, क्योंकि ऐसे कार्यक्रमों में सुरक्षा एजेंसियों को कंट्रोल करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिल ट्रंप अभियान से जुड़े लोगों ने एजेंसियों की चेतावनी को गंभीर मानते हुए इसे एक सलाह के तौर पर ही ली थी।
जानकारी दें कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर बीते शनिवार को पेनसिल्वेनिया में एक रैली में उस समय बाल-बाल बच गए थे, जब एक 20 वर्षीय हमलावर ने उन पर कई गोलियां चलाईं थीं। इस हमले में ट्रंप जख्मी हो गए थे और उनके दाहिने कान के ऊपरी हिस्से पर चोट आई थी।