राष्ट्रपति पेजेशकियान, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
तेहरान: शनिवार को ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने कहा कि उनका देश अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ बातचीत जारी रखेगा, लेकिन किसी भी तरह की धमकी या दबाव को स्वीकार नहीं करेगा। यह बयान उन्होंने ईरानी नौसेना अधिकारियों को संबोधित करते हुए दिया, जिसे राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्रसारित किया गया।
उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य युद्ध नहीं है, लेकिन हम किसी डर के कारण अपने वैध अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे। यदि हम पर दबाव डाला गया, तो भी हम अपनी सैन्य, वैज्ञानिक और परमाणु क्षमताओं से पीछे नहीं हटेंगे, क्योंकि ये हमारे आत्मसम्मान का प्रतीक हैं।
ईरानी राष्ट्रपति पेजेशकियान ने बताया कि अमेरिका और ईरान के बीच चल रही बातचीत अब ‘विशेषज्ञ स्तर’ पर पहुंच गई है, यानी दोनों देश संभावित समझौते के तकनीकी और व्यावहारिक पक्षों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। हालांकि, वार्ता में सबसे बड़ा और जटिल मुद्दा अब भी ईरान का यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम बना हुआ है। ईरान का कहना है कि शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा के उपयोग के लिए यूरेनियम संवर्धन उसका संप्रभु अधिकार है। वहीं, अमेरिका चाहता है कि ईरान इस प्रक्रिया को सीमित करे या पूरी तरह रोक दे, क्योंकि इससे परमाणु हथियार बनाने की संभावना बनी रहती है।
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में बयान दिया कि अगर कोई समझौता नहीं होता है, तो अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। ट्रंप ने शुक्रवार को यह भी दावा किया कि ईरान को वार्ता के दौरान एक नया प्रस्ताव दिया गया है, हालांकि उन्होंने इसके बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं दिए। ईरानी अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर अमेरिका ने हमला किया, तो ईरान अपने यूरेनियम भंडार को और समृद्ध कर सकता है, जिससे परमाणु हथियार निर्माण की दिशा में कदम बढ़ सकता है।
ईरान के परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि देश का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है और यह लगातार संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था (IAEA) की निगरानी में संचालित हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कार्यक्रम पूरी तरह पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ाया जा रहा है।