अंतर्राष्ट्रीय नरसंहार स्मरण दिवस 2025, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: आज, 27 जनवरी 2025 को, दुनिया अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मरण दिवस मना रही है। यह दिन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजियों द्वारा किए गए यहूदी नरसंहार के पीड़ितों की याद में मनाया जाता है। हर साल इस अवसर पर उन निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने नाजी शासन की क्रूरता का सामना किया।
द्वितीय विश्व युद्ध के समय, नाजी जर्मनी और उनके सहयोगियों ने लाखों यहूदियों का निर्ममता से सफाया कर दिया था। यह मानव इतिहास की सबसे भयानक घटनाओं में से एक है, जिसे याद कर आज भी दिल दहल उठता है। इस दिन का उद्देश्य न केवल पीड़ितों को याद करना है, बल्कि मानवता को यह सिखाना भी है कि ऐसे भयंकर अपराध दोबारा न हों।
द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान 1941 से 1945 के बीच नाजी जर्मनी ने यूरोप में 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी थी। इस त्रासदी को होलोकॉस्ट के नाम से जाना जाता है। इस त्रासदी के बाद इजराइल ने बड़ी संख्या में यहूदियों को अपने देश में शरण दी।
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बता दें कि युद्ध के समय हंगरी में करीब 9 लाख यहूदी निवास करते थे। हालांकि, हंगरी की सरकार नाजी जर्मनी की सहयोगी थी। जब सोवियत सेना हंगरी की ओर बढ़ने लगी, तो नाजियों ने मार्च 1944 में हंगरी पर आक्रमण कर दिया। इसका मकसद यह था कि हंगरी की सरकार मित्र राष्ट्रों के साथ कोई अलग शांति समझौता न कर सके। इस घटना ने यहूदियों के खिलाफ अत्याचार को और बढ़ा दिया।
इस साल 2025 में द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट की समाप्ति के 80 साल पूरे हो गए। 80 साल पहले, इन भयावह घटनाओं के बाद, विश्व ने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की और मानवाधिकारों को सुनिश्चित करते हुए शांति और सम्मान से रहने का वादा किया। इस ऐतिहासिक वर्ष को विशेष मान्यता देने के लिए, होलोकॉस्ट और संयुक्त राष्ट्र आउटरीच कार्यक्रम ने 2025 के लिए “सम्मान और मानवाधिकार के लिए नरसंहार स्मरण ” ( Holocaust Remembrance for Dignity and Human Rights) विषय चुना है। यह विषय वर्तमान समय में होलोकॉस्ट स्मरण की अहमियत को रेखांकित करता है, जब मानव गरिमा और अधिकारों पर लगातार खतरा मंडरा रहा है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1 नवंबर 2005 को अपने 42वें पूर्ण सत्र के दौरान एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इस सत्र में 27 जनवरी को अंतरराष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मरण दिवस के रूप में मान्यता दी गई। इस दिन का चयन होलोकॉस्ट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने और उनकी याद में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से किया गया।
यरुशलम में स्थित होलोकॉस्ट स्मारक म्यूजियम ‘याद वाशेम’ नाजी अत्याचारों और उसके कारण हुए जनसंहार के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए लगातार काम कर रहा है। इजराइल के आधिकारिक स्मारक के आंकड़ों के अनुसार, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हंगरी में नाजियों और उनके सहयोगियों ने केवल 10 महीनों में 5 लाख 68 हजार यहूदियों की हत्या की थी।