वाघा के रास्ते आए देश आए भारतीय, सांकेतिक फोटो ( सो. सोशल मीडिया)
लाहौर: वाघा सीमा के रास्ते पिछले तीन दिनों में 450 से अधिक भारतीय पाकिस्तान से स्वदेश लौट चुके हैं। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर वीजा रद्द होने के कारण ये लोग अपने देश लौट गये हैं। अधिकारियों ने यहां बताया कि शनिवार को रवाना होने वालों में 23 भारतीय भी शामिल हैं, जो पीएसएल (पाकिस्तान सुपर लीग) 2025 की प्रसारण कंपनी का हिस्सा थे। शनिवार को सीमा पार करने वाले भारतीयों की वास्तविक संख्या बाद में पता चलेगी।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को लगभग 300 भारतीय और बृहस्पतिवार को लगभग 100 भारतीय इसी रास्ते से स्वदेश लौटे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही 200 पाकिस्तानी नागरिक भी भारत से स्वदेश लौट आये हैं। दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले में लोकप्रिय पर्यटन शहर पहलगाम के पास शुक्रवार दोपहर आतंकवादियों द्वारा की गई गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे और कई घायल हो गए।
नई दिल्ली में केंद्र सरकार ने पहलगाम हमले के तार सीमा पार से जुड़े होने के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तानी सैन्य सलाहकार (अताशे) को निष्कासित करने, 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित करने और अटारी-वाघा सीमा-चौकी को तत्काल बंद करने समेत कई कदमों की घोषणा की थी। अटारी-वाघा सीमा भारत में अमृतसर और पाकिस्तान में लाहौर के निकट स्थित है।
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अधिकारियों ने बताया कि सिख परिवारों समेत भारतीय मूल के कुछ विदेशी नागरिकों को भारतीय आव्रजन और सुरक्षा अधिकारियों ने पाकिस्तान में प्रवेश करने से रोक दिया। लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर ननकाना साहिब में रहने वाले भारतीय मूल के कनाडाई सिख परिवार को कथित तौर पर वाघा सीमा के जरिए भारत में प्रवेश देने से मना कर दिया गया और उन्हें दुबई के रास्ते हवाई यात्रा करने की सलाह दी गई। बृहस्पतिवार को 105 भारतीय और 28 पाकिस्तानी नागरिक अपने-अपने वतन के लिए रवाना हुए थे।
पाकिस्तान में शादी कर बस चुकीं और भारतीय पासपोर्ट रखने वाली कुछ महिलाओं ने शिकायत की है कि जरूरी दस्तावेज होने के बावजूद उन्हें वापसी में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि वे भारत में अपने परिजनों से मिलने आई थीं, लेकिन सरकार द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर देश छोड़ने का निर्देश दिए जाने के कारण उन्हें लौटना पड़ रहा है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)