पाकिस्तान की जेल से रिहा होने वाले भारतीयों की सांकेतिक, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में सजा पूरी कर चुके 22 भारतीय मछुआरों की वतन वापसी की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। कराची की मलीर जेल में बंद इन सभी मछुआरों को रिहा कर दिया गया है और उन्हें शनिवार को भारत को सौंपे जाने की संभावना है। मलीर जेल के अधीक्षक अरशद शाह के अनुसार, इन मछुआरों को शुक्रवार को जेल से रिहा किया गया, क्योंकि उन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली थी। एक समाचारपत्र की रिपोर्ट के मुताबिक, अब इन्हें औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद भारत भेजा जाएगा।
‘ईदी फाउंडेशन’ के अध्यक्ष फैसल ईदी ने भारतीय मछुआरों के लिए लाहौर तक पहुंचने की व्यवस्था की, जहां से वे अपने देश लौटने की प्रक्रिया आगे बढ़ाने में मदद की है। उन्होंने जेल में लंबे समय तक कैद रहने के दौरान मछुआरों के परिवारों को होने वाली कठिनाइयों पर प्रकाश डाला और सजा पूरी होने के तुरंत बाद उनकी रिहाई और शीघ्र वापसी की मांग की। पाकिस्तानी अधिकारी मछुआरों को वाघा सीमा तक ले जाते हैं, जहां भारतीय अधिकारी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनकी स्वदेश वापसी सुनिश्चित करते हैं।
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फैसल ईधी ने बताया कि उनकी संस्था ने मानवता के नाते भारतीय मछुआरों की सहायता की है। उन्होंने कहा कि कई बार मछुआरे समुद्री सीमा पार करने के कारण दूसरे देशों की जेलों में बंद कर दिए जाते हैं, जिससे उनके परिवार कठिन दौर से गुजरते हैं। उन्होंने आग्रह किया कि सजा पूरी होने के बाद मछुआरों को तुरंत रिहा किया जाए और जल्द से जल्द अपने देश वापस भेजा जाए। जब तक वे भारत नहीं लौटते, उनकी संस्था हर संभव मदद जारी रखेगी। फैसल ईधी ने दोनों देशों की सरकारों से इस तरह के मामलों में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है।
दरअसल, भारत और पाकिस्तान के मछुआरे मछली पकड़ते समय अक्सर समुद्री सीमाओं को पार कर जाते हैं, जिससे वे एक-दूसरे के जलक्षेत्र में प्रवेश कर लेते हैं और गिरफ्तार कर लिए जाते हैं। दोनों देशों द्वारा एक जनवरी को जारी कैदियों की सूची के अनुसार, पाकिस्तान की जेलों में कुल 266 भारतीय कैदी बंद हैं, जिनमें 217 मछुआरे शामिल हैं। वहीं, भारत की जेलों में 462 पाकिस्तानी कैदी मौजूद हैं, जिनमें 81 मछुआरे शामिल हैं।