वर्जीनिया राज्य में हुए प्राइमरी चुनाव के विजेता भारतीय-अमेरिकी मूल के सुहास सुब्रमण्यम
वर्जीनिया: भारतीय-अमेरिकी मूल के सुहास सुब्रमण्यम ने वर्जीनिया राज्य में हुए प्राइमरी चुनाव में जीत दर्ज की है। वे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार थे। इस तरह अमेरिका में अब सामोसा कॉकस को भी मजबूती मिल रही है। सुहास सुब्रमण्यम ने 11 उम्मीदवारों को पीछे छोड़ते हुए वर्जीनिया सीट से जीत दर्ज की है। उन्होंने जिन 11 उम्मीदवारों को उन्होंने पीछे छोड़ा है उनमें से, उनमें भारतीय मूल की क्रिस्टल कौल भी शामिल हैं।
बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग
हालांकि वर्जीनिया सीट पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं। ऐसे में सांसद के लिए सुहास सुब्रमण्यम की दावेदारी खासी मजबूत मानी जा रही है। ऐसे में तब जब वर्जीनिया सीट से मौजूदा सांसद जेनिफर वैक्सटन ने पिछले साल एलान किया था कि वह 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगी। यहां अब सुहास का मुकाबला रिपब्लिकन पार्टी की माइक क्लेंसी से होगा।
राजनीति में पहले भी रहे एक्टिव
बता दें कि सुहास सुब्रमण्यम पहले भारतीय मूल के, दक्षिण एशियाई मूल के और पहले हिंदू नेता हैं, जो साल 2019 में वर्जीनिया जनरल असेंबली के चुनाव में चुने गए थे। सुहास सुब्रमण्यम वर्जीनिया स्टेट सीनेट के लिए भी साल 2023 में निर्वाचित हो चुके हैं। वे अब वर्जीनिया सीट से यूएस हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव्स के लिए भी चुनाव लड़ेंगे।
पहले भी राजनीति में सक्रिय रहे हैं सुहास
गौरतलब है कि वर्जीनिया सीट पर बड़ी संख्या में भारतीय मूल के लोग रहते हैं, ऐसे में सुहास सुब्रमण्यम की दावेदारी खासी मजबूत मानी जा रही है। वर्जीनिया सीट से मौजूदा सांसद जेनिफर वैक्सटन हैं, लेकिन बीते साल उन्होंने एलान किया था कि वह 2024 का चुनाव नहीं लड़ेंगी। सुहास के लिए अच्छी बात ये है कि वैक्सटन ने भी उनके दावेदारी का समर्थन किया है।
सुहास सुब्रमण्यम का भारत में कहां से है नाता
सुहास सुब्रमण्यम 37 साल के हैं। उनका जन्म अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हुआ था। सुहास के माता-पिता मूलरूप से भारत के बंगलूरू शहर से हैं बाद में वे अमेरिका शिफ्ट हो गए थे। सुहास ने बताया कि मेरे माता-पिता बंगलूरू और चेन्नई से हैं। उन्होंने कुछ समय सिकंद्राबाद में भी गुजारा। वो यहां आएं बेहतर भविष्य की तलाश में आए थे।
साल 2015 में सुहास को तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में टेक्नोलॉजी पॉलिसी एडवाइजर नियुक्त किया था। सुहास ने मीडिया के साथ बातचीत मेंबताया कि वह अमेरिका के बेहतर भविष्य के लिए कांग्रेस का चुनाव लड़ रहे हैं।
क्या है सामोसा कॉकस
प्रतिनिधि सभा में पांच भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद हैं। ये सभी डेमोक्रेट्स पार्टी से है। ये खुद को सामोसा कॉकस कहते हैं। ऐसे में प्रतिनिधि सभा में अगर भारतीय मूल के सुहास सुब्रमण्यम निर्वाचित हो कर आते हैं तो निश्चित रूप से सामोसा कॉकस को मजबूती मिलेगी।