म्यांमार में लोकतंत्र की बहाली पर भारत का जोर, सांकेतिक फोटो (सो. एआई डिजाइन)
India-Myanmar Relations: भारत ने म्यांमार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली और स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं समावेशी चुनावों के प्रति अपना समर्थन एक बार फिर दोहराया है। नई दिल्ली में आयोजित साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत म्यांमार में शांति, स्थिरता और सामान्य स्थिति की वापसी के पक्ष में मजबूती से खड़ा है।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि म्यांमार में चुनावों की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है और भारत ऐसे चुनावों का समर्थन करता है जिनमें सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित हो। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत लोकतांत्रिक संक्रमण के पक्ष में है और मानता है कि किसी भी देश में स्थायी शांति और विकास के लिए लोकतांत्रिक व्यवस्था का मजबूत होना बेहद जरूरी है।
जब मीडिया द्वारा यह सवाल किया गया कि क्या भारत म्यांमार में होने वाले चुनावों के लिए पर्यवेक्षक भेजेगा तो प्रवक्ता ने कहा कि इस विषय पर फिलहाल कोई ठोस जानकारी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि इस संबंध में कोई निर्णय होता है तो समय आने पर जानकारी साझा की जाएगी।
गौरतलब है कि म्यांमार के केंद्रीय चुनाव आयोग ने अगस्त महीने में यह घोषणा की थी कि देश में आम चुनाव का पहला चरण 28 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इसके बाद के चरणों की तारीखें बाद में घोषित की जाएंगी। यह घोषणा ऐसे समय पर हुई थी जब जून में म्यांमार के स्टेट सिक्योरिटी एंड पीस कमीशन के अध्यक्ष सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग ने संकेत दिया था कि चुनाव दिसंबर और अगले वर्ष जनवरी के बीच कराए जाएंगे।
भारत और म्यांमार के संबंधों की बात करें तो हाल के महीनों में दोनों देशों के बीच उच्चस्तरीय संपर्क देखने को मिला है। 31 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात की थी। इस बैठक में भारत-म्यांमार द्विपक्षीय संबंधों की व्यापक समीक्षा की गई और व्यापार, विकास साझेदारी, रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग तथा सीमा प्रबंधन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा हुई।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने म्यांमार की विकास संबंधी आवश्यकताओं में भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि ‘नेबरहुड फर्स्ट’, ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘इंडो-पैसिफिक’ नीतियों के तहत भारत म्यांमार को एक महत्वपूर्ण साझेदार मानता है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने उम्मीद जताई कि म्यांमार में होने वाले चुनाव निष्पक्ष, पारदर्शी और समावेशी होंगे, ताकि सभी हितधारकों की भागीदारी सुनिश्चित की जा सके।
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प्रधानमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि भारत म्यांमार-नेतृत्व और म्यांमार-स्वामित्व वाली शांति प्रक्रिया का समर्थन करता है। उनका मानना है कि शांतिपूर्ण संवाद और परामर्श ही म्यांमार में स्थायी समाधान और स्थिरता की दिशा में एकमात्र रास्ता है।