पाकिस्तान ने फिर बढ़ाई पाबंदी, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
India Pakistan Tensions: पाकिस्तान अब भी ऑपरेशन सिंदूर से मिले जख्मों को भुला नहीं पाया है और अपनी “इगो” साबित करने के लिए हर वह कदम उठा रहा है, जो उसके हाथ में है। भारतीय सेना से सीधे टकराना उसके लिए नामुमकिन है, इसलिए उसने एक और रास्ता अपनाया है। बुधवार को पाकिस्तान प्रशासन ने भारतीय विमानों पर अपने हवाई क्षेत्र से गुजरने पर लगी रोक को 23 सितंबर तक बढ़ाने का ऐलान किया।
पाकिस्तान हवाई अड्डा प्राधिकरण ने एक नया NOTAM (नोटिस टू एयरमैन) जारी करते हुए कहा कि भारतीय एयरलाइंस के सभी विमानों को पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से उड़ान भरने या गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह पाबंदी भारत के स्वामित्व वाले ही नहीं, बल्कि पट्टे पर लिए गए सैन्य और नागरिक विमानों पर भी लागू होगी।
23 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़ते तनाव को देखते हुए दोनों देशों के बीच एक महीने का प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद 7 मई को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत की, जिसके तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में मौजूद आतंकी ठिकानों पर बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई की गई।
इस कार्रवाई के जवाब में पाकिस्तान ने भी भारत पर हमले किए, जिनका भारत ने कड़ा जवाब दिया। करीब चार दिन तक दोनों देशों के बीच संघर्ष जारी रहा और फिर सीजफायर लागू हो गया। हालांकि, पाकिस्तान ने अब तक अपने हवाई क्षेत्र से लगी पाबंदी नहीं हटाई है।
पाकिस्तान को हवाई क्षेत्र बंद होने से भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, डॉन ने रक्षा मंत्रालय के हवाले से बताया कि सिर्फ दो महीनों में पाकिस्तान एयरपोर्ट अथॉरिटी को 1240 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा हुआ है। इसका कारण ट्रांजिट चार्ज की कमी है, क्योंकि सामान्य दिनों में पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र से रोजाना 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय विमान गुजरते थे। रोक लगने के बाद पाकिस्तान का हवाई यातायात करीब 20% तक घट गया है।
यह भी पढ़ें:- रूस-भारत व्यापार ने तोड़े रिकॉर्ड! 4 साल में 5 गुना हुई बढ़ोत्तरी, जयशंकर ने बताया आगे का प्लान
एक ओर तो पाक रिश्तों को बेहतर बनाने की बातें करता रहता हैं, वहीं दूसरी तरफ चाल चलने से भी पीछे नहीं हटता है। बता दें कि पाकिस्तान के करीबी सहयोगी चीन ने यह इच्छा जताई है कि भारत और पाकिस्तान अपने संबंधों में सुधार करें। इसके साथ ही चीन ने दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने की पेशकश भी की है। हालांकि, पाकिस्तान का हालिया कदम आने वाले समय में संभावित वार्ता पर असर डाल सकता है।