भारत ने श्रीलंका के लिए भेजे चार और युद्धपोत, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Operationn Sagar Bandhu: श्रीलंका में चक्रवात ‘दित्वाह’ के कहर के बाद हालात अभी भी सामान्य नहीं हुए हैं। भारी तबाही, जनहानि और बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान के बीच भारत ने पड़ोसी देश की तत्काल सहायता के लिए अपने राहत अभियान ‘ऑपरेशन सागर बंधु’ को और गति दी है।
इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने चार और महत्वपूर्ण व अत्याधुनिक युद्धपोत आईएनएस घड़ियाल, एलसीयू 54, एलसीयू 51 और एलसीयू 57 श्रीलंका के लिए रवाना किए हैं। रक्षा मंत्रालय ने पुष्टि की है कि ये पोत खोज एवं बचाव, मानवीय सहायता और आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात किए गए हैं।
नौसेना के मुताबिक, इन पोतों का मुख्य उद्देश्य चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाना, चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना और जरूरतमंद लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाना है। ऑपरेशन सागर बंधु भारत की उस नीति को मजबूत करता है जिसके तहत हिंद महासागर क्षेत्र के पड़ोसी देशों को समय पर सहायता और समर्थन प्रदान किया जाता है।
राहत कार्यों की तेजी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारतीय नौसेना के तीन जहाज पहले ही कोलंबो पहुंचकर श्रीलंकाई अधिकारियों को आवश्यक राहत सामग्री सौंप चुके हैं। वहीं आईएनएस घड़ियाल 8 दिसंबर को त्रिंकोमाली पहुंच गया, जहां से वह सीधे प्रभावित इलाकों में संसाधन और समर्थन मुहैया करा रहा है।
भारत पहले ही अपना स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर आईएनएस विक्रांत, युद्धपोत आईएनएस उदयगिरी और आईएनएस सुकन्या को राहत मिशन में शामिल कर चुका है। इन जहाजों ने हेलीबोर्न सर्च एंड रेस्क्यू (SAR) सहायता और मानवीय सामग्री की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
चक्रवात ‘दित्वाह’ ने श्रीलंका में भारी तबाही मचाई थी। कई सड़क मार्ग नष्ट हो गए, सैकड़ों घर जलमग्न हो गए और बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए। कई नागरिक अभी भी लापता हैं जबकि बड़ी संख्या में घायल और बीमार लोग लगातार चिकित्सा सहायता की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इसी चुनौतीपूर्ण परिस्थिति को देखते हुए भारत ने अपनी सैन्य और मानवीय क्षमताओं का उपयोग करते हुए व्यापक तौर पर सहायता भेजी है।
भारतीय सेना भी इस राहत अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सेना का फील्ड हॉस्पिटल अब तक 1,250 से अधिक प्रभावित नागरिकों का उपचार कर चुका है, जिसमें पांच बड़ी आपातकालीन सर्जरी भी शामिल हैं। गंभीर रूप से घायल लोगों को तुरंत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए भारतीय डॉक्टर 24 घंटे तैनात हैं।
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भारत की यह त्वरित और व्यापक मदद न केवल दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि भारत क्षेत्रीय मानवीय सहायता में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए दृढ़ संकल्पित है।