नई दिल्ली। India-America Relations : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बुधवार को देश के इतिहास में सबसे बड़ी राजनीतिक वापसी दर्ज करते हुए व्हाइट हाउस की दौड़ जीत चुके हैं। उन्होंने चुनाव में अपनी डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी कमला हैरिस को हरा दिया है। अमेरिका 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप आज 6 नवंबर 2024 को अपने समर्थकों को संबोधित किया। वहीं, कमला हैरिस भी अपने समर्थकों को कल संबोधित करेंगी। अमेरिकी चुनाव में जीत के बाद यहां के 47वें राष्ट्रपति बनने जा रहे डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि, अमेरिकावासियों का धन्यवाद। आज से पहले ऐसा नजारा नहीं देखा। हम अपने बॉर्डर को फिर मजबूत करेंगे। देश की सभी समस्याएं दूर करेंगे। अब देखना ये है कि डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भारत को किन-किन क्षेत्रों में फायदा और नुकसान हो सकता है।
अगर चीन को लेकर बात की जाए तो अमेरिका के पिछले तीनों राष्ट्रपति- ओबामा, ट्रंप तथा बाइडेन का रूख चीन के मामले में भारत के साथ सहयोग का रहा है। ऐसे में ट्रंप सरकार के लौटने पर चीन के मामले में भारत को अमेरिका का सहयोग मिल सकता है।
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने पर भारत के दोनों पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान और बांग्लादेश को लेकर अमेरिका का रूख बदलने की संभावना है। डोनाल्ड ट्रंप की पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के साथ नजदीकी देखी जा चुकी है। वहीं दूसरी तरफ, ट्रंप बांग्लादेश की युनूस सरकार को डेमोक्रेटिक समर्थक के तौर पर देखते हैं। ऐसे में भारत इस मामले में प्रभावित हो सकता है।
अर्थव्यवस्था के मामले में डोनाल्ड ट्रंप अलगाववादी तथा संरक्षणवादी रवैया रखते हैं। क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और यही कारण है कि यह भारत के लिए एक बड़ी चिंता की बात हो सकती है। हालांकि हथियार, खुफिया सहयोग, तकनीक तथा रक्षा हार्डवेयर के सहयोग में अमेरिका के रुख में ज्यादा बदलाव नहीं होगा।
वहीं, ट्रेड के मामले में भी इसका प्रभाव पड़ सकता है। ट्रंप ने कहा था कि विदेशी उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगाते हैं। ऐसे में भारत इससे प्रभावित हो सकता है।
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