इमरान खान, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद: पहलगाम हमले के बाद से ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है। भारत लगातार पाकिस्तान के खिलाफ बड़े कदम उठा रहा है। इस दौरान भारत के पाक पर हमला करने की तैयारी की भी चर्चा तेज हो रही है। ऐसे में पाकिस्तान खेमे में काफी हलचल मची हुई है। ऐसे में पाक सरकार की ओर से सभी पार्टियों के साथ एक मीटिंग बुलाई गई है, लेकिन पूर्व पाक पीएम इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इसमें शामिल होने से मना कर दिया।
इमरान खान की पार्टी ने राजनीतिक हवाला देने के साथ इस मीटिंग में शामिल होने से इनकार कर दिया। पार्टी ने रविवार को राजनीतिक शिकायतों का हवाला देने के साथ व्यापक राजनीतिक परामर्श की मांग करते हुए पाकिस्तान-भारत तनाव को लेकर आयोजित बैठक में शामिल होने के सरकार के आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया।
पार्टी प्रवक्ता शेख वकास अकरम ने अपने बयान में बैठक का बहिष्कार करने के पार्टी के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि पीटीआई सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा करती है और राष्ट्रीय एकता के महत्व को पहचानती है, लेकिन वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में वह इसमें भाग नहीं ले सकती। पार्टी के संस्थापक अध्यक्ष इमरान खान को गलत तरीके से जेल में डाला गया है। इसके बावजूद उन्होंने जेल से अपने संदेशों में लगातार आतंकवाद की निंदा की है और राष्ट्रीय एकता का आह्वान किया है। उनका रुख एक सच्चे राष्ट्रीय नेता की दूरदर्शिता को दर्शाता है।
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पीटीआई ने कहा कि वह देश की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत पड़ने पर अग्रिम मोर्चे पर रहेगी। पार्टी ने सरकार से आग्रह किया कि इस महत्वपूर्ण समय में सामूहिक निर्णय लेने के लिए तत्काल सर्वदलीय सम्मेलन (एपीसी) बुलाई जाए। अकरम ने कहा, यह राजनीतिक लाभ उठाने का समय नहीं है। सरकार को सभी राजनीतिक ताकतों को विश्वास में लेना चाहिए। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सरकार की ओर से यह बैठक भारत के साथ हाल ही में बढ़े तनाव के बाद मौजूदा सुरक्षा स्थिति के बारे में प्रमुख राजनीतिक दलों को जानकारी देने के लिए की गई थी।