डोनाल्ड ट्रम्प और जस्टिन ट्रूडो, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: कनाडा के नेताओं ने कहा है कि अगर अमेरिका ने 25 प्रतिशत शुल्क लगाया तो कनाडा भी इसका जवाब देगा। निवर्तमान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अल्बर्टा प्रांत के नेता डैनियल स्मिथ का मानना है कि कनाडा इस शुल्क से बच सकता है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि वह एक फरवरी से कनाडा पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएंगे। जस्टिन ट्रूडो और डैनियल स्मिथ ने तर्क दिया कि कनाडा ऊर्जा महाशक्ति है, जिसके पास तेल और महत्वपूर्ण खनिज भंडार है और ट्रंप के संकल्प के मुताबिक अमेरिका को ‘‘तेजी से बढ़ती” अर्थव्यवस्था बनाने के लिए कनाडा की इस संपदा की आवश्यकता होगी।
कनाडा में विनिर्माण और ऑटोमोबाइल के केंद्र, ओंटारियो के प्रमुख डग फोर्ड ने कहा कि कारोबारी मुकाबला 100 प्रतिशत होने वाला है। फोर्ड ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ (एपी) के साथ साक्षात्कार में कहा, ‘‘ट्रंप ने कनाडा पर ‘आर्थिक युद्ध’ की घोषणा की है और हम अपनी अर्थव्यवस्था की रक्षा के लिए हर वह तरीका आजमाएंगे जो हम आजमा सकते हैं।”
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ट्रूडो ने कहा कि अगर आवश्यक हुआ तो कनाडा जवाबी कार्रवाई करेगा। हालांकि उन्होंने यह भी जिक्र किया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी यह मुद्दा उठा था, लेकिन वे मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत फिर शुरू करने में सफल रहे थे। फोर्ड ने कहा कि ट्रंप के शुल्क लागू करते ही वह ओंटारियो के शराब नियंत्रण बोर्ड को अमेरिका निर्मित सभी शराब को हटाने का निर्देश देंगे।
फोर्ड ने कहा, ‘‘हम दुनिया में शराब के सबसे बड़े खरीदार हैं और मैं सभी प्रांत प्रमुखों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करने जा रहा हूं।”
उन्होंने कहा कि इसके जवाब में कनाडा आने वाले अमेरिकी सामान पर डॉलर-दर-डॉलर शुल्क लगाया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम रिपब्लिकन पार्टी के शासन वाले क्षेत्रों को भी निशाना बनाने जा रहे हैं। उन्हें भी वही दर्द महसूस होगा जो कनाडा के लोगों को होगा। अमेरिकी लोग भी ये दर्द महसूस करेंगे।”
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया भर के देशों के लिए एक संदेश: अगर वह कनाडा को उदाहरण के रूप में इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो निशाना आप भी बनेंगे। कनाडा भी आपको मुंहतोड़ जवाब देगा।”
ट्रम्प ने कहा था कि कनाडा और मैक्सिको पर एक फरवरी से शुल्क लागू हो सकते हैं। हालांकि उन्होंने एक शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया है जिसमें एक अप्रैल तक वित्त मंत्री द्वारा समन्वित रिपोर्ट का अनुरोध किया गया है।
( एजेंसी इनपुट के साथ )