Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • यूटिलिटी न्यूज़
  • फैक्ट चेक
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो

  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • होम
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

इतिहास का सबसे बड़ा सरेंडर! 16 दिसंबर को कैसे टूटी पाक की सैन्य ताकत, जानें भाषा से बगावत तक का सच

Vijay Diwas: हर साल 16 दिसंबर को भारत और बांग्लादेश विजय दिवस मनाते हैं। यह दिन 1971 के उस ऐतिहासिक युद्ध की याद दिलाता है, जब भारतीय सेना की जीत के साथ बांग्लादेश पाकिस्तान से अलग होकर एक स्वतंत्र...

  • By अमन उपाध्याय
Updated On: Dec 16, 2025 | 05:35 AM

विजय दिवस, फोटो (सो. सोशल मीडिया)

Follow Us
Close
Follow Us:

Bangladesh Independence History: भारत और बांग्लादेश में हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस मनाया जाता है। यह तारीख दोनों देशों के इतिहास में इसलिए खास है क्योंकि 16 दिसंबर 1971 को भारत-पाक युद्ध का अंत हुआ और बांग्लादेश ने पाकिस्तान से मुक्ति हासिल की। इस दिन भारतीय सेना के सामने पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया जिससे दक्षिण एशिया की राजनीति और भूगोल हमेशा के लिए बदल गया।

1971 के युद्ध की जड़ें आज़ादी के समय यानी 1947 में जा मिलती हैं। 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान का गठन धर्म के आधार पर हुआ जिसके दो हिस्से बनाए गए एक पश्चिमी पाकिस्तान और दूसरा पूर्वी पाकिस्तान। भौगोलिक रूप से अलग-थलग पूर्वी पाकिस्तान में देश की करीब 56 फीसदी आबादी रहती थी, जिनकी मातृभाषा बांग्ला थी। इसके विपरीत पश्चिमी पाकिस्तान में पंजाबी, सिंधी, बलूची और पश्तो जैसी भाषाएं बोली जाती थीं।

भाषा और संस्कृति से बढ़ा विवाद

पश्चिमी पाकिस्तान की सत्ता में बैठे नेताओं ने बांग्ला भाषा और संस्कृति को कभी स्वीकार नहीं किया। उनका मानना था कि बांग्ला पर हिंदू संस्कृति का प्रभाव है। यही कारण था कि बांग्ला को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा देने से इनकार कर दिया गया और सरकारी कामकाज में इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई। इससे पूर्वी पाकिस्तान में असंतोष तेजी से बढ़ने लगा।

1952 में भाषा आंदोलन ने जोर पकड़ा जिसमें कई लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसके बाद अवामी लीग के नेता शेख मुजीबुर रहमान पूर्वी पाकिस्तान के लोगों की आवाज बनकर उभरे। उन्होंने राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों की मांग की, जो पश्चिमी पाकिस्तान की सत्ता को रास नहीं आई।

सत्ता हस्तांतरण से इनकार और बढ़ता राजनीतिक संकट

1968 में शेख मुजीबुर रहमान को ‘अगरतला षड्यंत्र’ के तहत भारत के साथ मिलकर पाकिस्तान तोड़ने के आरोप में फंसाया गया। हालांकि 1970 के आम चुनावों में अवामी लीग ने पूर्वी पाकिस्तान की 162 में से 160 सीटें जीतकर साफ कर दिया कि जनता किसके साथ है। इसके बावजूद पाकिस्तानी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण से इनकार कर दिया।

मुक्ति संग्राम और शरणार्थियों का भारत पलायन

हालात लगातार बिगड़ते चले गए और 25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना ने पूर्वी पाकिस्तान में दमनकारी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान बड़े पैमाने पर नरसंहार हुआ और लाखों लोग जान बचाकर भारत में शरण लेने को मजबूर हुए। बांग्लादेश में इसे मुक्ति संग्राम के नाम से जाना जाता है।

यह भी पढ़ें:- अफगानिस्तान मुद्दे पर ईरान की बैठक, लेकिन तालिबान ने किया किनारा; वजह आई सामने

13 दिनों में ही घुटनों पर आया पाक

इन हालातों को देखते हुए भारत ने 4 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध का ऐलान किया। मात्र 13 दिनों में भारतीय सेना ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की। 16 दिसंबर 1971 को ढाका में पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण किया और करीब 82 हजार सैनिक युद्धबंदी बनाए गए। आखिरकार 1974 में पाकिस्तान ने बांग्लादेश को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी। विजय दिवस आज भी भारत-बांग्लादेश की दोस्ती, बलिदान और स्वतंत्रता की याद दिलाने वाला दिन है।

History s greatest surrender how pak s military strength broken on december 16 learn the truth from language to rebellion

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Dec 16, 2025 | 05:35 AM

Topics:  

  • Bangladesh
  • Pakistan
  • World News

सम्बंधित ख़बरें

1

अम्मान से पीएम मोदी का बड़ा संदेश; आतंक के खिलाफ भारत-जॉर्डन एकजुट, किंग अब्दुल्ला से क्या हुई बात?

2

सच लिखने की सजा! ढाका में पत्रकारों पर बढ़े हमले, 1 साल में सैकड़ों केस दर्ज; दुनिया ने जताई चिंता

3

भारत-रूस की ताकत हुई दोगुनी, RELOS समझौते पर पुतिन की मुहर; इसके क्या होंगे फायदे?

4

भारत-नेपाल यात्रा करने वालों के लिए गुड न्यूज, अब सीमा पार ले जा सकेंगे 200-500 के भारतीय नोट

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • अकोला
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy Terms & Conditions Author
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.