हाफिज सईद, फोटो (सो. सोशल मीडिया)
Hafiz Saeed PMML Visit: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के करीबी और आंतरिक मामलों के राज्य मंत्री तलाल चौधरी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। वजह है उनका हालिया दौरा पाकिस्तान मरकजी मुस्लिम लीग (PMML) के दफ्तर का — जो आतंकी हाफिज सईद की राजनीतिक इकाई मानी जाती है। PMML को हाफिज सईद की बैन हो चुकी आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (JuD) का राजनीतिक चेहरा कहा जाता है।
हाफिज सईद वही नाम है जिसने 2008 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश रची थी। वह फिलहाल लाहौर की कोट लाखपत जेल में टेरर फंडिंग के मामलों में 2019 से सजा काट रहा है। इसके बावजूद, उसके संगठन से जुड़े लोगों का पाकिस्तान की मुख्यधारा की राजनीति में शामिल होना सवाल खड़े कर रहा है।
तलाल चौधरी फैसलाबाद स्थित PMML हाउस पहुंचे, जो लाहौर से करीब 130 किलोमीटर दूर है। वहां उनका स्वागत PMML नेताओं ने बड़े गर्मजोशी से किया। इस मुलाकात के बाद यह बहस तेज हो गई कि क्या पाकिस्तान सरकार सईद के संगठन को राजनीतिक वैधता देने की दिशा में बढ़ रही है?
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह दौरा सिर्फ एक औपचारिक मुलाकात नहीं, बल्कि आतंकी नेटवर्क को राजनीतिक छतरी देने का संकेत हो सकता है। इससे पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंच सकता है, खासकर उस वक्त जब वह लगातार FATF की निगरानी से बाहर आने की कोशिश कर रहा है।
कुछ विपक्षी दलों और नागरिक समूहों ने तलाल चौधरी के इस कदम की आलोचना की है। उनका कहना है कि इस तरह की हरकतें पाकिस्तान की आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाती हैं। विपक्ष ने मांग की है कि सरकार स्पष्ट करे कि क्या यह दौरा सरकारी आदेश पर हुआ या व्यक्तिगत स्तर पर।
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हाफिज सईद की पार्टी ने 2 नवंबर को लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में एक बड़ी रैली की घोषणा की थी। लेकिन रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के निर्देश पर यह रैली आखिरी वक्त में रद्द कर दी गई। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी नेटवर्क ने बताया कि अमीर-ए-मोहतर्म (हाफिज सईद) के आदेश पर यह रैली फिलहाल टाल दी गई है। नई तारीख की घोषणा अभी नहीं की गई है।