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कनाडा और भारत के बीच नहीं सुधरे हालात, आज भी बना है चुनौतीपूर्ण संबंध

केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के साथ भारत के संबंध चुनौतीपूर्ण रहे हैं और आज भी हैं। क्योंकि वहां की सरकार द्वारा ऐसे चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को राजनीतिक आश्रय प्रदान किया जाता है जो भारत विरोधी एजेंडे का समर्थन करते हैं।

  • By साक्षी सिंह
Updated On: Nov 28, 2024 | 04:43 PM

तस्वीर में पीएम नरेंद्र मोदी और जस्टिन टूंड्रो

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नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने गुरुवार को कहा कि कनाडा के साथ भारत के संबंध चुनौतीपूर्ण रहे हैं और आज भी हैं। क्योंकि वहां की सरकार द्वारा ऐसे चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों को राजनीतिक आश्रय प्रदान किया जाता है जो भारत विरोधी एजेंडे का समर्थन करते हैं। विदेश राज्यमंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एक दूसरे की चिंताओं, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किसी भी स्थिर द्विपक्षीय संबंध के लिए आवश्यक शर्तें हैं।

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के अब्दुल वहाब ने विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा था कि क्या यह सच है विगत में कनाडा के साथ भारत के संबध खराब हुए हैं। इसके जवाब में सिंह ने कहा कि कनाडा के साथ भारत के संबंध चुनौतीपूर्ण रहे हैं और आज भी हैं।

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ऐसा इसलिए क्योंकि कनाडा सरकार द्वारा मुख्यतः ऐसे चरमपंथी और अलगाववादी तत्वों और ऐसे व्यक्तियों को राजनीतिक आश्रय प्रदान किया जाता है, जो भारत विरोधी एजेंडे का समर्थन करते हैं और भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को खतरे में डालने वाले हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कनाडा की स्वतंत्रता का दुरुपयोग करते रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक दूसरे की चिताओं क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का सम्मान किसी भी स्थिर विपक्षीय संबंध के लिए आवश्यक शर्तें हैं।

सिंह ने बताया कि इस संबंध में भारत सरकार ने कनाडा सरकार से बार-बार आग्रह किया है कि चरमपंथी एवं अलगाववादी तत्व अपने कार्यों के लिए उनकी भूमि का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने ऐसे तत्वों के त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने का भी बार-बार आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्व हमारे नेताओं की हत्या का महिमामंडन करने, वर्तमान राजनीतिक नेतृत्व और राजनयिकों को धमकियां देने, पूजा स्थलों का अनादर और वहां तोड़फोड़ करने में शामिल हैं।

सिंह ने आगे कहा कि भारत सरकार ने कनाडा की सरकार से यह भी कहा कि वह तथाकथित ‘जनमत संग्रह’ आयोजित करके भारत के विखंडन का समर्थन करने से अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों को रोके। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कनाडा में रहने, काम करने और पढ़ाई करने वाले भारतीय नागरिकों का कल्याण और सुरक्षा भारत सरकार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कनाडा में भारतीय नागरिकों के सामने आने वाले समस्याओं को तुरंत कनाडा के अधिकारियों के ध्यान में लाया जाता है ताकि उनका तुरंत समाधान किया जा सके।

कनाडा में भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि जहां अधिकारी हमारे राजनयिकों को और राजनयिक संपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम रहे हैं। वहीं उन्होंने हाल ही में अलगाववादी और चरमपंथी तत्वों के हिंसक कृत्यों से हमारे वाणिज्य और शिविरों को सुरक्षा कवर प्रदान करने में अपनी असमर्थता व्यक्त की है।

भारत के दृष्टिकोण से इसके प्रत्येक द्विपक्षीय संबंध अपनी योग्यता पर खड़े हैं और अन्य देशों के साथ संबंधों से स्वतंत्र है। सिंह ने बताया कि लगभग 18 लाख भारतीय-कनाडाई (कनाडा की आबादी का लगभग 4.7 प्रतिशत)और लगभग 4,27,000 भारतीय छात्रों सहित 10 लाख अनिवासी भारतीयों के साथ कनाडा विदेश सबसे बड़े भारतीय प्रवासी स्थलों में से एक है।

उन्होंने बताया कि साल 2023 में भारत-कनाडा द्विपक्षीय व्यापार 9.36 अरब डॉलर था, जिसमें भारत का कनाडा को निर्यात 5.56 अरब डॉलर और कनाडा से आयात 3.8 अरब डॉलर है। सिंह ने कहा कि निवेश के मामले में कनाडा पेंशन फंड में भारत का हिस्सा उनके एशिया प्रशांत निवेश पोर्टफोलियो का लगभग 25 प्रतिशत है और कनाडा 3.9 अरब डॉलर के संचयी एफडीआई के साथ भारत में 17वां सबसे बड़ा निवेशक है। (एजेंसी)

Government india relations with canada are still challenging

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Published On: Nov 28, 2024 | 04:43 PM

Topics:  

  • Canada
  • Canada-India Relations
  • India

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