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G20 summit में गाजा और यूक्रेन पर हुई चर्चा, युद्ध समाप्त करने का आह्वान किया गया

दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने सोमवार को गाजा और यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी किया गया।

  • By साक्षी सिंह
Updated On: Nov 19, 2024 | 02:53 PM

G20 Brasil Summit

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रियो डि जिनेरियो: दुनिया की 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं ने सोमवार को गाजा और यूक्रेन मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान एक संयुक्त घोषणापत्र भी जारी किया गया। जिसमें संयुक्त घोषणापत्र में भुखमरी से लड़ने के लिए एक वैश्विक समझौते, युद्धग्रस्त गाजा के लिए अधिक सहायता और पश्चिम एशिया और यूक्रेन में शत्रुता को समाप्त करने का आह्वान किया।

इस घोषणापत्र में सामान्य बातें अधिक हैं लेकिन उन लक्ष्यों को कैसे प्राप्त किया जाए, इस बारे में अधिक विवरण नहीं था। संयुक्त बयान को जी20 समूह के सदस्यों का बड़ी संख्या में समर्थन मिला, लेकिन पूरी तरह सर्वसम्मति नहीं मिली। इसमें अरबपतियों पर भविष्य के वैश्विक कर लगाने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का विस्तार अंतत: इसके पांच मौजूदा स्थायी सदस्यों से परे करने वाले सुधारों का भी आह्वान किया गया।

बुधवार को औपचारिक रूप से समाप्त होने वाली तीन दिवसीय बैठक की शुरुआत में, विशेषज्ञों ने संदेह जताया था कि ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आने वाले प्रशासन को लेकर अनिश्चितता और पश्चिम एशिया तथा यूक्रेन में युद्धों को लेकर वैश्विक तनाव बढ़ने के मुद्दों से प्रभावित सम्मेलन में एकत्रित नेताओं को किसी भी समझौते पर पहुंचने के लिए राजी कर पाएंगे।

अर्जेंटीना ने शुरुआती मसौदों की भाषा को चुनौती दी और वह एकमात्र देश था जिसने पूरे दस्तावेज का समर्थन नहीं किया। स्वतंत्र राजनीतिक सलाहकार और ब्राजील के पूर्व मंत्री थॉमस ट्रॉमैन ने कहा कि हालांकि यह सामान्य बात है, लेकिन यह ब्राजील के लिए एक सकारात्मक आश्चर्य है। उन्होंने कहा कि एक ऐसा क्षण था जब कोई घोषणा न होने का जोखिम था। चेतावनियों के बावजूद, यह लूला डा सिल्वा के लिए एक अच्छा परिणाम है।

इजरायल पर हमास के हमले के लगभग एक साल बाद, घोषणा में बिना दोषारोपण के युद्धों की निंदा और शांति का आह्वान किया गया। इसमें गाजा में भयावह मानवीय स्थिति और लेबनान में तनाव बढ़ने का उल्लेख किया गया, जिसमें मानवीय सहायता का विस्तार करने और नागरिकों की बेहतर सुरक्षा करने की तत्काल आवश्यकता पर बल दिया गया।

घोषणापत्र के अनुसार, ‘‘फलस्तीनियों के आत्मनिर्णय के अधिकार की पुष्टि करते हुए, हम दो-राष्ट्र के समाधान के दृष्टिकोण के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हैं, जहां इजराइल और फलस्तीन राष्ट्र शांति से साथ-साथ रहते हों। इसमें इजराइल की पीड़ा या हमास द्वारा अब भी बंधक बनाकर रखे गए 100 या उससे अधिक बंधकों का उल्लेख नहीं किया गया।

इजरायल जी20 का सदस्य नहीं है। स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, इस युद्ध में अब तक गाजा में 43,000 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हिजबुल्ला के खिलाफ इजरायल के हमले के बाद लेबनान में 3,500 से अधिक लोग मारे गए हैं। वक्तव्य में इजरायल के संकट की अनदेखी करना अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा इजराइल के आत्मरक्षा के अधिकार का लगातार समर्थन करने के विपरीत प्रतीत होता है।

घोषणा के पहले जी20 नेताओं के साथ एक बैठक के दौरान, बाइडन ने विचार व्यक्त किया था कि युद्ध के लिए पूरी तरह से हमास को दोषी ठहराया जाना चाहिए और उन्होंने साथी नेताओं से संघर्ष विराम समझौते को स्वीकार करने के लिए ‘हमास पर दबाव बढ़ाने’ का आह्वान किया। बाइडन ने सम्मेलन में कहा कि अमेरिका यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का दृढ़ता से समर्थन करता है। मेरे विचार से इस बैठक में बैठे सभी लोगों को भी ऐसा करना चाहिए।

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बैठक में शामिल नहीं हुए, और इसके बजाय उन्होंने अपने विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा। अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) द्वारा एक वारंट जारी किए जाने के बाद पुतिन ने ऐसे शिखर सम्मेलनों से परहेज किया है, जो सदस्य देशों को उन्हें गिरफ्तार करने के लिए बाध्य करता है। जी20 घोषणापत्र में रूस का नाम लिए बिना शांति का आह्वान करते हुए यूक्रेन में मानवीय पीड़ा को उजागर किया गया है। (एजेंसी)

G20 summit called for more aid for gaza and an end to the war in ukraine

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Published On: Nov 19, 2024 | 02:53 PM

Topics:  

  • G20 summit
  • Gaza

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