Hindi news, हिंदी न्यूज़, Hindi Samachar, हिंदी समाचार, Latest Hindi News
X
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • धर्म
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • करियर
  • टेक्नॉलजी
  • हेल्थ
  • ऑटोमोबाइल
  • वीडियो
  • चुनाव

  • ई-पेपर
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • राजनीति
  • खेल
  • लाइफ़स्टाइल
  • क्राइम
  • नवभारत विशेष
  • मनोरंजन
  • बिज़नेस
  • अन्य
    • वेब स्टोरीज़
    • वायरल
    • ऑटोमोबाइल
    • टेक्नॉलजी
    • धर्म
    • करियर
    • टूर एंड ट्रैवल
    • वीडियो
    • फोटो
    • चुनाव
  • देश
  • महाराष्ट्र
  • विदेश
  • खेल
  • क्राइम
  • लाइफ़स्टाइल
  • मनोरंजन
  • नवभारत विशेष
  • वायरल
  • राजनीति
  • बिज़नेस
  • ऑटोमोबाइल
  • टेक्नॉलजी
  • धर्म
  • वेब स्टोरीज़
  • करियर
  • टूर एंड ट्रैवल
  • वीडियो
  • फोटो
  • चुनाव
In Trends:
  • Tariff War |
  • Weather Update |
  • Aaj ka Rashifal |
  • Parliament Session |
  • Bihar Assembly Elections 2025 |
  • Share Market
Follow Us
  • वेब स्टोरीज
  • फोटो
  • विडियो
  • फटाफट खबरें

चीन-भारत का मसला नहीं है सुलझा, जयशंकर बोले- LAC पर गश्त समझौते से का मतलब ये नहीं कि सबकुछ हो गया है ठीक

भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद अभी सुलझा नहीं है। दोनों देशों के बीच अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए समझौते का यह मतलब नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं।

  • By साक्षी सिंह
Updated On: Oct 27, 2024 | 08:42 AM

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर

Follow Us
Close
Follow Us:

पुणे: भारत और चीन के बीच चल रहा विवाद अभी सुलझा नहीं है। दोनों देशों के बीच अभी सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए समझौते का यह मतलब नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि सैनिकों के पीछे हटने से अगले कदम पर विचार करने का मौका मिला है।

विदेश मंत्री ने समझौते का श्रेय सेना को दिया, जिसने बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में काम किया। जयशंकर ने पुणे में एक कार्यक्रम में कहा कि सैनिकों के पीछे हटने का 21 अक्टूबर को जो समझौता हुआ। उसके तहत देपसांग और डेमचोक में गश्त की जाएगी। इससे अब हम अगले कदम पर विचार कर सकेंगे। ऐसा नहीं है कि सबकुछ हल हो गया है, लेकिन सैनिकों के पीछे हटने का पहला चरण है और हम उस स्तर तक पहुंचने में सफल रहे हैं।

ये भी पढ़ें:-फिदायीन अटैक से दहला पूर्वी पाकिस्तान; खैबर पख्तूनख्वा में 8 की मौत, उड़ गई शहबाज शरीफ की नींद

एस जयशंकर ने यहां छात्रों के साथ बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि संबंधों को सामान्य बनाने में अभी भी समय लगेगा। उन्होंने कहा कि भरोसे को फिर से कायम करने और साथ मिलकर काम करने में स्वाभाविक रूप से समय लगेगा। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स समिट के लिए रूस के कजान में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की थी, तो यह निर्णय लिया गया कि दोनों देशों के विदेश मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मिलेंगे और देखेंगे कि आगे कैसे बढ़ा जाए।

हम अपने बात पर दृढ़ता से अड़े रहे

जयशंकर ने कहा कि यदि आज हम यहां तक ​​पहुंचे हैं तो इसका एक कारण यह है कि हमने अपनी बात पर अड़े रहने और अपनी बात रखने के लिए बहुत दृढ़ प्रयास किया है। सेना देश की रक्षा के लिए बहुत ही अकल्पनीय परिस्थितियों में वहां यानी LAC पर मौजूद थी। सेना ने अपना काम किया तथा कूटनीति ने भी अपना काम किया। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में भारत ने अपने बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। उन्होंने कहा कि एक समस्या यह भी रही कि पहले के वर्षों में सीमा पर बुनियादी ढांचे की वास्तव में उपेक्षा की गई थी।

आज पुणे में प्रतिष्ठित उद्यमियों को संबोधित करने का अवसर मिला।

दुनिया भर में भारत के प्रति बढ़ते उत्साह के बारे में उनसे बात की। हम अपने मानव संसाधनों के विकास के साथ विकसित भारत की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ब हैं।

विश्वास है कि वसुधैव कुटुम्बकम की भावना के साथ भारतीय… pic.twitter.com/uuayaK5J9D

— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 26, 2024

चार साल से जारी विवाद को सुलझाया

जयशंकर ने कहा कि आज हम एक दशक पहले की तुलना में प्रति वर्ष पांच गुना अधिक संसाधन लगा रहे हैं, जिसके परिणाम सामने आ रहे हैं। सेना को वास्तव में प्रभावी ढंग से तैनात करने में सक्षम बना रहे हैं। कुछ दिन पहले भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास से सैनिकों की वापसी और गश्त को लेकर समझौता हुआ था, जो चार साल से ज्यादा समय से जारी गतिरोध को समाप्त करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है।

दोनों देश के सेना एक दूसरे के बेहद करीब है

जून 2020 में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच भीषण संघर्ष के बाद संबंधों में तनाव आ गया था। यह पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। उन्होंने कहा कि सितंबर 2020 से भारत चीन के साथ समाधान निकालने के लिए बातचीत कर रहा था। विदेश मंत्री ने कहा कि इस समाधान के कई पहलू हैं। उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी बात यह है कि सैनिकों को पीछे हटना होगा। क्योंकि वे एक-दूसरे के बहुत करीब हैं और कुछ घटित होने की आशंका थी।

जरूरी बात गश्त से जूड़ी थी

विदेश मंत्री ने कहा कि इसके बाद एक बड़ा मुद्दा यह है कि आप सीमा का प्रबंधन कैसे करते हैं और सीमा समझौते को लेकर बातचीत कैसे करते हैं। अभी जो कुछ भी हो रहा है वह पहला चरण है जो कि सैनिकों की वापसी है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और चीन 2020 के बाद कुछ स्थानों पर इस बात पर सहमत हुए कि कैसे सैनिक अपने ठिकानों पर लौटेंगे। लेकिन एक जरूरी बात गश्त से जूड़ी थी।

ये भी पढ़ें:-पाकिस्तान में आत्मघाती हमले से हड़कंप, 6 सुरक्षाकर्मियों समेत 8 की मौत

जयशंकर ने कहा कि गश्त को बाधित किया जा रहा था और हम पिछले दो सालों से इसी पर बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे। इसलिए 21 अक्टूबर को जो हुआ, वह यह था कि उन विशेष क्षेत्रों देमचोक और डेपसांग में हम इस समझ पर पहुंचे कि गश्त फिर से उसी तरह शुरू होगी। जैसी पहले हुआ करती थी।

Fm s jaishankar says agreement to patrol lac with china does not mean that everything is resolved

Get Latest   Hindi News ,  Maharashtra News ,  Entertainment News ,  Election News ,  Business News ,  Tech ,  Auto ,  Career and  Religion News  only on Navbharatlive.com

Published On: Oct 27, 2024 | 08:42 AM

Topics:  

  • China
  • India
  • S Jaishankar

सम्बंधित ख़बरें

1

NSA डोभाल के बाद अब विदेश मंत्री जयशंकर जा रहे रूस, जानें क्यों अहम है ये दौरा

2

भारत से हाई टैरिफ वापस लेंगे ट्रंप; अमेरिकी ब्रोकिंग फर्म का दावा; इंडिया में निवेश की दी सलाह

3

अमेरिकी से तनातनी के बीच चीन-भारत आए साथ, चीनी विदेश मंत्री के साथ एस जयशंकर ने की बैठक

4

…तो इसलिए भारत आ रहे हैं चीनी विदेश मंत्री, NSA डोभाल से करेंगे मुलाकात, इन मुद्दों पर होगी बात

Popular Section

  • देश
  • विदेश
  • खेल
  • मनोरंजन
  • लाइफ़स्टाइल
  • बिज़नेस
  • वेब स्टोरीज़

States

  • महाराष्ट्र
  • उत्तर प्रदेश
  • मध्यप्रदेश
  • दिल्ली NCR
  • बिहार

Maharashtra Cities

  • मुंबई
  • पुणे
  • नागपुर
  • ठाणे
  • नासिक
  • सोलापुर
  • वर्धा
  • चंद्रपुर

More

  • वायरल
  • करियर
  • ऑटो
  • टेक
  • धर्म
  • वीडियो

Follow Us On

Contact Us About Us Disclaimer Privacy Policy
Marathi News Epaper Hindi Epaper Marathi RSS Sitemap

© Copyright Navbharatlive 2025 All rights reserved.