पुतिन-ट्रम्प मीटिंग, डिजाइन फोटो
Trump Vladimir Putin Alaska Meeting Reason: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की लंबे समय से टली मुलाकात आखिरकार तय हो गई है। यह बैठक न व्हाइट हाउस में होगी, न क्रेमलिन में और न ही मिडिल ईस्ट के किसी शहर में, बल्कि 15 अगस्त को अमेरिका के अलास्का में होगी।
अब सवाल ये उठता है कि आखिर इस मुलाकात के लिए अलास्का ही क्यों चुना गया? कैसे होती है रूसी राष्ट्रपति की सुरक्षा? क्या पुतिन-ट्रम्प की यह वार्ता रूस-यूक्रेन युद्ध को थाम सकती है? आइए समझते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर अलास्का ही क्यों चुना गया और इस पर इतनी चर्चा क्यों हो रही है। दरअसल, 17 जुलाई 1998 को इटली की राजधानी रोम में हुए एक समझौते के तहत इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) की स्थापना की गई थी। इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर गंभीर अपराधों की जांच करना और अपराधियों पर मुकदमा चलाना है। फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड और स्वीडन समेत कुल 124 देश इसके सदस्य हैं।
इस समझौते के तहत, यदि आईसीसी द्वारा दोषी ठहराया गया कोई व्यक्ति इन 124 सदस्य देशों में कदम रखता है, तो उसे तुरंत नीदरलैंड्स स्थित आईसीसी मुख्यालय भेजा जा सकता है। 17 मार्च 2023 को आईसीसी ने पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के बच्चों को अवैध रूप से रूस भेजा, जिसे आईसीसी युद्ध अपराध के रूप में मानता है।
पुतिन-ट्रम्प मीटिंग
जुलाई 2025 में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में पुतिन ने हिस्सा तो लिया, लेकिन वे वहां गए नहीं। इसकी वजह यह थी कि ब्राजील अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) का सदस्य है और वहां यह आश्वासन नहीं था कि पुतिन को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। इसलिए उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सम्मेलन में भाग लिया। ठीक इसी तरह, 2023 में दक्षिण अफ्रीका में हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भी पुतिन की मौजूदगी केवल वर्चुअल रही थी।
जब पुतिन और ट्रम्प की संभावित मुलाकात की चर्चा शुरू हुई, तो यह सवाल उठा कि मुलाकात कहां होगी? चीन, दक्षिण कोरिया, संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और भारत जैसे कई देश ICC के सदस्य नहीं हैं। अंततः पुतिन ने मीटिंग के लिए अमेरिका के अलास्का को चुना।
31 दिसंबर 2000 को अपने अंतिम कार्यकाल के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने रोम संधि पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन अगले राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू. बुश ने इस समझौते को मानने से इंकार कर दिया। इसी कारण डोनाल्ड ट्रम्प और व्लादिमीर पुतिन ने मुलाकात के लिए अलास्का को चुना, क्योंकि यह अमेरिकी राज्य है और अमेरिका आईसीसी का सदस्य नहीं है, साथ ही वह इसके अधिकार क्षेत्र को भी नहीं मानता।
रूस और अलास्का के बीच की दूरी महज 88 किलोमीटर है। इनके बीच समुद्र का संकरा हिस्सा है, जिसे बेरिंग स्ट्रेट कहा जाता है। यहां दोनों देश इतने पास हैं कि साफ मौसम में रूस से अमेरिका की जमीन तक दिखाई देती है।
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बेरिंग स्ट्रेट में दो छोटे द्वीप स्थित हैं बिग डायोमेड (रूस के अधिकार में) और लिटिल डायोमेड (अमेरिका के अधिकार में)। इन दोनों के बीच की दूरी सिर्फ 3.8 किलोमीटर है। इनके बीच से ही इंटरनेशनल डेट लाइन गुजरती है, जो रूस और अमेरिका को अलग करती है।
1741 में रूसी खोजकर्ता विटस बेरिंग ने अलास्का खोजा और रूस ने इस पर दावा किया। 1799 में रूसी-अमेरिकी कंपनियों ने फर व्यापार शुरू किया और इसे ‘रूसी अमेरिका’ कहा जाने लगा। 1857 तक ऊदबिलाव की कमी और दूरी के कारण रूस के लिए अलास्का संभालना मुश्किल हो गया। 30 मार्च 1867 को रूस ने इसे 72 मिलियन डॉलर में अमेरिका को बेच दिया।
ट्रम्प-पुतिन मुलाकात से रिश्तों में सुधार की उम्मीद है। ट्रम्प ने अलास्का को ‘ग्रेट स्टेट’ बताते हुए इसकी रणनीतिक अहमियत पर जोर दिया। 8 अगस्त 2025 को अमेरिकी सीनेटर लिसा मुकोव्स्की ने कहा कि अलास्का का आर्कटिक व ऐतिहासिक महत्व इसे वैश्विक नेताओं की बैठक का केंद्र बनाता है।
पुतिन की प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी
पुतिन की सुरक्षा प्रेसिडेंशियल सिक्योरिटी सर्विस (एसबीपी) संभालती है, जो फेडरल गार्ड सर्विस (FSO) का हिस्सा है और इसमें 50 हजार कर्मी हैं अमेरिकी सीक्रेट सर्विस से 6 गुना ज्यादा। पुतिन के साथ हमेशा 30 हथियारबंद गार्ड और भीड़ में तैनात सैकड़ों एफएसओ एजेंट रहते हैं, जो आइसक्रीम बेचने वाले या भीड़ में नारे लगाने वाले के रूप में भी हो सकते हैं।
अलास्का में उनकी मीटिंग के दौरान हर चीज कॉन्वॉय, गेट, दरवाजा खोलने वाला, फूल देने वाला और कपड़ों का रंग पहले से तय होगा। तय ड्रेस कोड न मानने पर तुरंत सिक्योरिटी अलर्ट हो जाएगा।
मीटिंग के वक्त एफएसओ की अल्फा और विमपेल जैसी स्पेशल फोर्स यूनिट्स, रूसी सैन्य खुफिया एजेंसी के साथ अलर्ट पर रहेंगी। खतरे की स्थिति में पुतिन को सुरक्षित स्थान या उनके इल-96 जेट (फ्लाइंग कमांड सेंटर) तक ले जाया जाएगा। आसपास रूसी SU-35 फाइटर जेट्स भी तैनात रहेंगे। बता दें कि क्रेमलिन से बाहर रहने पर रूसी खुफिया और साइबर टीमें सक्रिय रहती हैं और अमेरिकी सीक्रेट सर्विस के साथ समन्वय करती हैं, ताकि दोनों नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
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ट्रम्प 15 अगस्त को पुतिन से मिलकर रूस-यूक्रेन युद्ध खत्म करने पर चर्चा करेंगे। दोनों पक्ष युद्धविराम और शांति समझौते के करीब बताए जा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, डील में कुछ क्षेत्रों की अदला-बदली संभव है रूस खेरसान व जापोरिज्जिया में कार्रवाई रोक सकता है, बदले में क्रीमिया और डोनबास पर नियंत्रण चाहता है। इससे पहले दोनों नेताओं की चार बार फोन पर बात हो चुकी है, लेकिन निर्णायक नतीजा नहीं निकला।