कोरोना का नया वैरिएंट (सौ. डिजाइन फोटो)
दुनिया की सबसे बड़ी महामारी कोरोनावायरस के दर्द से जहां पर अब तक उबरे नहीं है वहीं पर अब वायरस के नए वैरिएंट JN1 की एंट्री हो गई है। खतरनाक कोरोनावायरस के इस नए वैरिएंट का खतरा इन दिनों एशिया के सिंगापुर, हॉन्गकॉन्ग, चीन और थाईलैंड में देखने के लिए मिल रहा है।
इन देशों से कोरोना के नए वैरिएंट से प्रभावित कई मामले सामने आ रहे है। इस नए वैरिएंट की एंट्री के बाद से चीन और थाइलैंड में अलर्ट जारी किया गया है। वहीं पर कोरोना के इस नए वैरिएंट को लेकर फिलहाल भारत में 100 से कम मामले ही सामने आए है।
यह नया वैरिएंट JN1 कोरोना वायरस ओमिक्रॉन के BA2.86 का एक स्ट्रेन है जो हाल ही में नहीं बल्कि दो साल पहले अगस्त 2023 में पहली बार देखा गया था। दिसंबर 2023 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ घोषित किया। इस खतरनाक नए वैरिएंट की बात करें तो, इसमें करीब 30 म्यूटेशन्स हैं, जो इम्यूनिटी को कमजोर करते हैं। अगर कोई कम इम्यूनिटी वाला होगा तो उसे इस प्रकार का वायरस परेशान कर सकता है।
इसके अलावा अमेरिका के जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने इस वायरस को लेकर बताया है। इसके अनुसार, JN1 पहले के वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा आसानी से फैलता है, लेकिन यह बहुत गंभीर नहीं है। इसके लक्षण केवल कुछ दिनों या हफ्तों के लिए ही प्रभावी रहते है। लंबे समय तक इसके लक्षण नजर आने का कारण लॉन्ग कोविड की ओर इशारा करते है।
इस नए वैरिएंट ने एशिया, चीन और सिंगापुर जैसे देशों को चपेट में लिया है यहां पर इसके ज्यादा मामले इन देशों से अब तक सामने आ चुके है। सिंगापुर में 1 मई से 19 मई के बीच 3000 मरीज सामने आए हैं। अप्रैल के आखिरी हफ्ते तक ये संख्या 11,100 थी। यहां मामलों में 28% का इजाफा हुआ है। इसके अलावा हॉन्गकॉन्ग में जनवरी से अब तक 81 मामले सामने आए हैं। इनमें से 30 की मौत हो चुकी है। चीन और थाईलैंड से मामलों की जानकारी नहीं मिल चुकी है। इस संक्रमण को लेकर कहा जा रहा है कि, ओमिक्रोन के नए वेरिएंट JN1 और उसके सब-वेरिएंट्स LF7 और NB1.8 इसके लिए जिम्मेदार है।
कोरोना के इस नए वैरिएंट के खतरे को लेकर कहा जा रहा है कि, नया वैरिएंट पहले से ज्यादा खतरनाक और तेजी से फैलने वाला वायरस है। जो कम इम्यूनिटी वाले को सबसे पहले प्रभावित कर सकती है। इम्यून सिस्टम मजबूत है तो इस वैरिएंट का खतरा कम ही होगा। इसके लिए पहले की वैक्सीन्स या इन्फेक्शन से बनी एंटी बॉडीज इसके खिलाफ कम प्रभावी हैं, लेकिन XBB.1.5 मोनोवैलेंट बूस्टर वैक्सीन JN1 से लड़ने में मदद करता है। इसके अलावा कोविड की अन्य वैक्सीन में ओमिक्रॉन के XBB1.5 सब-वेरिएंट को पहचानने के लिए डिजाइन किया गया है। यह बूस्टर शरीर में एंटीबॉडीज को बढ़ाता है और JN1 से होने वाली बीमारी को 19% से 49% तक रोक सकता है। इसके अलावा भी व्यक्ति को वायरस से सतर्क रहने की जरूरत है।
यहां पर इस कोरोना के नए वैरिएंट के मामले भारत में कम ही दर्ज हुए है वहीं पर इस वायरस की कोई लहर नजर नहीं आ रही है। बताया जा रहा है कि,स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक 19 मई 2025 तक देश में केवल 93 मामले सामने आए हैं।