Elon Musk और राष्ट्रपति ट्रंप
नवभारत डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट बैठक में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और एलन मस्क के बीच तीखी बहस हुई। दोनों के बीच इतनी तीखी बहस हुई कि ट्रंप खुद देखते रह गए। राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में अमेरिकी विदेश मंत्री ने मस्क पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, मस्क और रुबियो के बीच यह बहस कर्मचारियों की कटौती के मुद्दे पर हुई।
मस्क ने विदेश मंत्री रुबियो और अमेरिकी परिवहन मंत्री से भी बहस की। रॉयटर्स समाचार एजेंसी के मुताबिक, यह ड्रामा उस बैठक के दौरान हुआ, जिसमें ट्रंप ने अपने कैबिनेट प्रमुखों से कहा कि उनकी एजेंसियों में कर्मचारियों और नीति पर अंतिम फैसला उनका होगा, मस्क का नहीं। दरअसल, हाल के दिनों में अमेरिका में सरकारी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छंटनी हुई है।
ट्रंप और उनके सलाहकारों ने कॉरपोरेट कंपनी की तरह हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है। अमेरिकी नौकरशाही को कम करने के अभियान के तहत ऐसा हुआ है। विभिन्न विभागों से कर्मचारियों की छंटनी की गई है। सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कठिन और दूरगामी फैसले ले रहे हैं। नौकरियों में कटौती को लेकर ट्रंप का कहना है कि संघीय सरकार के पास बहुत ज्यादा कर्मचारी हैं। उन्होंने हाल ही में कहा था कि सरकार पर 36 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। पिछले साल अरबों डॉलर का घाटा हुआ था, इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है।
हालांकि जब ट्रंप से इस घटना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इससे इनकार किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दावा किया कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था। कोई झड़प नहीं हुई थी। मैं वहां मौजूद था। एलन का मार्को से काफी तालमेल है और दोनों अच्छा कर रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि विदेश मंत्री के तौर पर मार्को ने कमाल का काम किया है और एलन अनोखे व्यक्ति हैं और उन्होंने बेहतरीन काम किया है।
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हाल ही में व्हाइट हाउस में शांति प्रस्ताव को लेकर जेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस हुई थी। इस दौरान ट्रंप ने कहा था कि अगर हमने सैन्य सहायता नहीं दी होती तो यह युद्ध दो सप्ताह में ही समाप्त हो जाता। ट्रंप ने कहा कि उनका इरादा युद्ध विराम का नहीं है। इसके जवाब में ज़ेलेंस्की ने कहा कि हम गारंटी के साथ युद्ध विराम चाहते हैं।