बांग्लादेश हिंसा (सोर्स सोशल मीडिया)
ढाका: बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे पर पनपे छात्र आंदोलन के बारे कभी किसी ने सोचा नहीं था कि बांग्लादेश की सत्ता में भूचाल लाने में इस आंदोलन की ही भूमिका रहने वाला है। छात्र आंदोलन इतना तीव्र और हिंसक हो गया कि आज इसके प्रभाव से पूरा बंग्लादेश दहल उठा है। बांग्लादेश की सड़कों पर चारों-तरफ खूनखराबा हो रहा है, अगजनी से लेकर पीएम आवास तक सब पर प्रदर्शनकारियों ने कब्जा कर लिया है।
शेख हसीना ने बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए देश छोड़ने का फैसला किया, हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद बांग्लादेश बेकाबू तो था ही, लेकिन अब बेसहारा भी हो गया। जारी रिपोर्ट की माने तो बांग्लादेश में शेख हसीने के इस्तीफे के बाद 100 लोगों की मौत हो गई। वहीं सैकड़ों लोगों के घायल होने की खबर सामने आ रही है। अब ऐसे महौल में सवाल ये खड़ हो रहा है कि क्या सच में एक छात्र आंदोलन के कारण बांग्लादेश का तख्तपलट गया।
बांग्लादेश में छात्र आंदोलन एक मौत का फरमान बन गया। जहां आरक्षण के मुद्दें से शुरू हुए आंदोलन ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली। बांग्लादेश में तख्तपलट होने के बाद शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद भी बांग्लादेश में हिंसा थम नहीं रही है। पिछले 24 घंटे में बांग्लादेश में फैली हिंसा में 100 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद सोमवार रात ढाका में माहौल काफी खराब रहा। कई जगहों पर आगजनी की घटनाएं हुईं। इसके साथ ही कई सारे हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया।
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बांग्लादेश की बिगड़ते हालात और शेख हसीने के बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने अपनी मां को सत्ता से हटाए जाने के पीछे बाहरी शक्तियों का हाथ होने की बात कहते दिख रहे है। इतना ही नही सजीब का मानना है कि बांग्लादेश में जो स्थिति बनी है, उसके पीछे अमेरिका का भी हाथ हो सकता है। हालांकि वे पाकिस्तान का हाथ होने की भी बात कर रहे हैं।
सजीब वाजेद ने आगेकहा कि मैं यह तो बता तो नहीं सकता कि ये किसने किया है। लेकिन हमारा यह संदेह है कि इसके पीछे पाकिस्तान या अमेरिका हो सकते हैं। कौन जानें शायद पाकिस्तान तो ऐसा करेगा ही क्योंकि वो कभी नहीं चाहता कि बांग्लादेश में मजबूत सरकार बने। वो ऐसे ही भारत को परेशान करना चाहता है।
इसके साथ अमेरिका के बारे में बात करते हुए सजीब बोले कि पाकिस्तान की ही तरह अमेरिका भी बांग्लादेश में मजबूत सरकार नहीं चाहता, वो बांग्लादेश में कमजोर सरकार की इच्छा रखता है। वो एक ऐसी सरकार चाहता है जिसे वह कंट्रोल कर सके और वो शायद शेख हसीना को नियंत्रित नहीं कर पाए।
बात केवल पीएम आवास तक ही नहीं रही, उग्र प्रदर्शनकारियों ने पीएम आवास के साथ-साथ राजधानी ढाका और उसके बाहर हसीना की अवामी लीग सरकार के मंत्रियों, पार्टी सांसदों और नेताओं के घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी हमला किया गया। इसके साथ ही हिंदू मंदिरों पर हमला किया और बड़े पैमाने पर लूटपाट की जिसमें करीब 100 लोगों की जान भी चली गई।
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मिली जानकारी के अनुसार बांग्लादेश हिंसा में एक चौकाने वाला रिपोर्ट भी सामने आया है जिसमें शेख हसीना के इस्तीफ़े से पहले भी बांग्लादेश में 24 घंटे के अंदर 100 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी। वहीं बात अगर ओवरऑल मौतों की करें तो शुरूआत से यानी 16 जुलाई से अब तक बांग्लादेश में करीब 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।