गिनी-बिसाऊ में सेना ने किया तख्तापलट (सोर्स - सोशल मीडिया)
Coup in Guinea-Bissau Military Seizes Power: अफ्रीकी देश गिनी-बिसाऊ में बुधवार को अचानक स्थिति बदल गई। राष्ट्रपति भवन के पास गोलीबारी के बाद सेना ने सत्ता संभालने की घोषणा कर दी। सेना ने चुनाव प्रक्रिया रोक दी, बॉर्डर सील कर दिए और कर्फ्यू लगा दिया। राष्ट्रपति उमरो सिसोको एंबालो ने कहा कि उन्हें पद से हटा दिया गया है।
अफ्रीकी देश गिनी-बिसाऊ में बुधवार को सेना ने अचानक सरकारी टीवी पर आकर घोषणा की कि उसने देश की सत्ता अपने हाथ में ले ली है। यह घोषणा राष्ट्रपति भवन के पास गोलीबारी की खबरों के तुरंत बाद की गई। सैन्य उच्च कमान ने सरकारी चैनल पर कहा कि उसने “गिनी-बिसाऊ रिपब्लिक की पूरी शक्ति अपने हाथ में ले ली है।”
सेना के प्रवक्ता डिनिस एन’तचमा ने बताया कि यह कार्रवाई देश को अस्थिर करने की चल रही साजिश के जवाब में की गई है।
सेना ने कहा कि राष्ट्रपति उमारो सिसोको एंबालो को हटा दिया गया है, चुनाव प्रक्रिया रोक दी गई है, बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं और कर्फ्यू लगा दिया गया है। घोषणा के तुरंत बाद एंबालो ने फ्रांस 24 टीवी पर बयान दिया, “मुझे सत्ता से हटा दिया गया है।”
सेना ने कहा कि उसने “द हाई मिलिट्री कमांड फॉर द रेस्टोरेशन ऑफ ऑर्डर” नाम से एक नया समूह बना लिया है जो अगली सूचना तक देश चलाएगा।
अधिकारियों ने स्पष्ट नहीं किया कि एंबालो को गिरफ्तार किया गया है या नहीं। दो सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि उन्हें आर्मी चीफ ऑफ स्टाफ के कार्यालय में रखा गया है। वहीं, राष्ट्रपति के चुनावी प्रतिद्वंद्वी फर्नांडो डायस ने एक वीडियो संदेश जारी कर दावा किया कि उन्हें भी पकड़ने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह सुरक्षित स्थान पर पहुंच गए हैं।
डायस ने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री डोमिंगोस सिमोस परेरा को हिरासत में ले लिया गया है। उन्होंने आरोप लगाया, “हम पर झूठे तख्तापलट का आरोप लगाया जा रहा है सिर्फ इसलिए कि मैं चुनाव जीत गया।”अफ्रीकन यूनियन और ECOWAS ने तख्तापलट पर गहरी चिंता जताई और गिरफ्तार अधिकारियों की तुरंत रिहाई की मांग की।
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सेनेगल और गिनी के बीच बसे छोटे तटीय देश गिनी-बिसाऊ की जनसंख्या लगभग 20 लाख है। यह यूरोप जाने वाले कोकीन तस्करी का कुख्यात मार्ग भी माना जाता है। अभी साफ नहीं है कि सेना को पूरे सैन्य ढांचे का समर्थन मिला है या नहीं।