शी जिनपिंग (सोर्स: सोशल मीडिया)
नवभारत इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर भारत के हवाई हमलों से पड़ोसी मुल्क में खलबली मच गई है। पहलगाम हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में बढ़े तनाव के बीच चीन लगातार पाकिस्तान का साथ दे रहा था। लेकिन भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन के सुर बदल गए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद चीन ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच तनाव कम करने पर ध्यान देना चाहिए। चीन ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम करना तनाव कम करने में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान हमेशा एक-दूसरे के पड़ोसी रहेंगे साथ ही ये दोनों देश चीन के भी पड़ोसी हैं। चीन हर तरह के आतंकवाद का विरोध करता है। लेकिन हम दोनों पक्षों से क्षेत्र में स्थिरता के लिए शांति बनाए रखने और किसी भी तरह की भड़काऊ कार्रवाई से दूर रहने का आग्रह करते हैं। हालांकि, चीन ने यह भी कहा कि हमें भारत की सैन्य कार्रवाई पर अफसोस है।
भारत ने पहलगाम घटना के बाद से ही आतंकियों को शरण देने वाले पाकिस्तान को करारा जवाब देने के अपने मंसूबे साफ कर दिया था। इसके लिए बुधवार की देर रात डेढ़ बजे के आसपास की गई सेना की कार्यवाही में बहावलपुर, कोटली और मुजफ्फराबाद के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए कई आतंकियों के अड्डे को खत्म कर दिया है।
भारतीय थलसेना, वायुसेना और नौसेना के संयुक्त ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान और पीओके के जिन 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की गई, उनमें बहावलपुर, मुरीदके, गुलपुर, भिंबर, चाक अमरू, बाग, कोटली, सियालकोट और मुजफ्फराबाद शामिल है। बहावलपुर में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और मुदिरके में लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर को निशाना बनाया गया।
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भारतीय सेना ने बताया जा रहा है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक नया अंजाम देते हुए ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान थल सेना, वायु सेवा और नौसेना का संयुक्त अभियान चलाया गया है, जिसमें आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला करके टारगेटेड स्ट्राइक की है।