सैन्य गतिविधियां, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
ताइपे: ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने शनिवार सुबह 6 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक अपने क्षेत्र के पास चीन की सेना (पीएलए) के आठ विमानों और नौसेना के पांच जहाजों का पता लगाया। इनमें से चार विमानों ने ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी वायु रक्षा क्षेत्र (एडीआईजेड) में प्रवेश किया और मध्य रेखा को पार किया।
एक्स पर एक पोस्ट जारी कर MND ने बताया कि ताइवान के आसपास 8 पीएलए विमान और 5 पीएलएएन जहाजों का पता आज सुबह 6 बजे तक लगाया गया। जिनमें से 4 विमानों ने मध्य रेखा को पार करके ताइवान के दक्षिण-पश्चिमी एडीआईजेड में प्रवेश किया है। हमने स्थिति पर नज़र रखी है और तदनुसार प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं।
इससे पहले, 10 जनवरी को, मंत्रालय ने सुबह 6:00 बजे (स्थानीय समयानुसार) तक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के चार विमानों और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी (PLAN) के छह नौसैनिक जहाजों का पता लगाया, जिनमें से तीन विमान मध्य रेखा को पार करके ताइवान के उत्तरी और दक्षिण-पश्चिमी ADIZ में प्रवेश कर गए।
ताइवान और चीन के बीच संघर्ष लंबे समय से जारी है। ताइवान, जिसे आधिकारिक रूप से रिपब्लिक ऑफ चाइना (ROC) कहा जाता है, खुद को एक स्वतंत्र देश के रूप में संचालित करता है। उसकी अपनी सरकार, सेना और अर्थव्यवस्था है। हालांकि, चीन ताइवान को अपने हिस्से के रूप में देखता है और इस पर संप्रभुता का दावा करता है।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और इसे एक अलग प्रांत के रूप में देखता है। “एक चीन” नीति के तहत चीन का कहना है कि पूरी दुनिया में केवल एक ही चीन है, जिसकी राजधानी बीजिंग है। इस नीति के जरिए वह ताइवान पर अपनी संप्रभुता का दावा करता है।
यह विवाद ताइवान की स्वतंत्रता और चीन के दावे को लेकर बना हुआ है। ताइवान अपनी पहचान और स्वायत्तता बनाए रखना चाहता है, जबकि चीन इसे एकीकृत करने की कोशिश करता है। यह मसला क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी चिंता का विषय है।
इसने दशकों के तनाव को बढ़ावा दिया है, खासकर चीनी गृह युद्ध (1945-1949) के बाद से, जब माओत्से तुंग के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा मुख्य भूमि चीन पर नियंत्रण करने के बाद ROC सरकार ताइवान में वापस चली गई थी।
ताइवान और चीन के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। यह स्थिति 1945-1949 के चीनी गृह युद्ध के बाद से शुरू हुई। उस समय माओत्से तुंग के नेतृत्व में कम्युनिस्ट पार्टी ने मुख्य भूमि चीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद, रिपब्लिक ऑफ चाइना (ROC) की सरकार ताइवान चली गई।
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तब से चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान खुद को स्वतंत्र देश मानता है। यही विवाद दोनों के बीच तनाव का मुख्य कारण है।
बीजिंग लगातार ताइवान के साथ पुनः एकीकरण की अपनी मंशा जाहिर कर रहा है। इसके लिए वह कूटनीतिक, आर्थिक और सैन्य दबाव डालने की कोशिश कर रहा है, ताकि ताइवान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अलग-थलग किया जा सके।
दूसरी ओर, ताइवान में बड़ी संख्या में लोग अपनी स्वतंत्रता बनाए रखने के पक्ष में खड़े हैं। वे बीजिंग के इन प्रयासों के बावजूद अपनी पहचान और स्वायत्तता को लेकर दृढ़ हैं। ताइवान का कहना है कि वह अपनी सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है।