चीन का होंगकी पुल ढहा (सोर्स- सोशल मीडिया)
Hongqi Bridge Collapse: चीन के दक्षिण-पश्चिमी प्रांत सिचुआन में हाल ही में खोले गए एक पुल का हिस्सा मंगलवार को ढह गया। यह पुल देश के हृदयस्थल को तिब्बत से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित था। गनीमत ये कही की इस हादसे में कोई हताहत नहीं हुआ। पुल का उद्घाटन चीन ने बड़े उत्साह और प्रचार के साथ किया था।
जानकारी के मुताबिक, चीन ने इस पुल के उद्घाटन के समय इसका प्रचार पूरी दुनिया में किया था, क्योंकि वो खुद को तकनीकी और इंजीनियरिंग में माहिर साबित करने का प्रयास कर रहा था। अब यह हादसा चीन के लिए शर्मिंदगी का कारण बन गया है।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मेरकांग शहर की पुलिस ने सोमवार दोपहर को 758 मीटर लंबे होंगकी पुल को सभी प्रकार के यातायात के लिए बंद कर दिया था। पुल और इसके आसपास के इलाके में दरारें दिखाई दे रही थीं और पहाड़ी की मिट्टी में बदलाव के संकेत मिले थे।
JUST IN: 🇨🇳 Hongqi bridge collapses in southwest China, months after opening. pic.twitter.com/EK3YcWEjUy — BRICS News (@BRICSinfo) November 11, 2025
मंगलवार दोपहर तक पहाड़ी की स्थिति और बिगड़ गई, जिससे भूस्खलन हुआ और पुल और सड़क का हिस्सा ध्वस्त हो गया। ठेकेदार कंपनी सिचुआन रोड एंड ब्रिज ग्रुप ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया, जिसमें बताया गया कि पुल का निर्माण इस साल की शुरुआत में ही पूरा हुआ था।
यह हादसा इंजीनियरिंग सुरक्षा और निर्माण गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े करता है, खासकर ऐसे समय में जब चीन अपने तकनीकी प्रगति और आधुनिक अवसंरचना की छवि को बढ़ावा देना चाह रहा है। पूरा घटनाक्रम चीन की बढ़ती तकनीकी महत्वाकांक्षाओं और वास्तविक जमीन की चुनौतियों के बीच की खाई को उजागर करता है।
सोशल मीडिया पर चीन के एक पुल के गिरने का वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। वीडियो में पुल के ढहने की पूरी घटना दिखाई दे रही है, जिससे इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। कई यूजर्स इसे इंजीनियरिंग में लापरवाही बता रहे हैं, जबकि कुछ ने इसे प्राकृतिक आपदा का परिणाम करार दिया है।
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चीनी सरकार ने इस हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें निर्माण सामग्री की गुणवत्ता और भूगर्भीय सर्वेक्षण पर भी सवाल उठ सकते हैं। यह घटना 2021 में हुए गेझोउबा ब्रिज हादसे की याद दिलाती है, जिसमें 38 लोग मारे गए थे। सिचुआन जैसे भूकंप-प्रवण क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं की निगरानी बढ़ाने की मांग अब और जोर पकड़ गई है।