ड्रैगन का बिगड़ा मूड, फोटो (सो.सोशल मीडिया)
Japan China Taiwan Dispute: एशिया पैसिफिक क्षेत्र एक बार फिर उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है और इसकी वजह है चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता। राष्ट्रपति शी जिनपिंग की रणनीति पूरे इलाके को उस स्थिति में ले जा रही है, जिसे विशेषज्ञ संभावित “एशियन वॉरफ्रंट” की शुरुआत बताते हैं।
ताइवान के चारों ओर चीनी नौसेना का विशाल बेड़ा जमा हो चुका है, जबकि जापान के ओकिनावा क्षेत्र पर भी खतरनाक दबाव बनाया जा रहा है। इसी बीच फिलीपींस के विमान पर चीन द्वारा फ्लेयर्स दागे जाने की घटना ने तनाव को और भड़का दिया है।
फिलीपींस कोस्ट गार्ड ने खुलासा किया कि Cessna Grand Caravan निगरानी विमान पर चीन की ओर से तीन फ्लेयर्स दागे गए। घटना विवादित Subi Reef के पास हुई, जिसे चीन ने अवैध रूप से कृत्रिम द्वीप में बदल दिया है। इस विमान का काम मछुआरों और समुद्री सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
यह कार्रवाई केवल चेतावनी नहीं, बल्कि विशेषज्ञों के मुताबिक युद्ध भड़काने वाली उकसावे की कार्रवाई है। इससे पहले भी फिलीपीनी विमानों को रेडियो के जरिए धमकाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। चीन लगातार इस इलाके में अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा रहा है ताकि फिलीपींस को पीछे हटने पर मजबूर किया जा सके।
सैटेलाइट तस्वीरों ने चीनी सैन्य तैयारियों की परतें खोलकर रख दी हैं। Subi Reef पर मिसाइल सिस्टम, सैन्य रनवे और युद्धपोतों का जमावड़ा दिख रहा है। फिलीपीनी गश्ती मिशनों ने यहां 29 से ज्यादा संदिग्ध मिलिशिया जहाज, अस्पताल जहाज और दो तट रक्षक पोत देखे हैं।ये सारी गतिविधियां इस बात का प्रमाण हैं कि चीन दक्षिण चीन सागर को अपने सैन्य कब्जे में लेने की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है।
चीन का उद्देश्य केवल फिलीपींस को पीछे धकेलना नहीं है। ताइवान और जापान को घुटनों पर लाने की रणनीति भी तेजी से आगे बढ़ रही है। ताइवान के चारों ओर PLA Navy के Type 055 Destroyers, Amphibious Assault Ships और Guided Missile Frigates की तैनाती साफ संकेत देती है कि बीजिंग किसी बड़े सैन्य अभियान की तैयारी में है।
जापान के रक्षा मंत्री ने ओकिनावा के पास चीन की गतिविधियों को गंभीर सुरक्षा खतरा बताया है। चीन अब ओकिनावा की संप्रभुता पर सवाल उठाकर नई विवाद की जमीन तैयार कर रहा है। माना जा रहा है कि ताइवान को लेकर जापान द्वारा दिए गए बयान ने ड्रैगन को और आक्रामक बना दिया है।
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चीन अंतरराष्ट्रीय कानून का हवाला देता है लेकिन जमीन पर हो रही गतिविधियां उसके विस्तारवादी एजेंडे को उजागर करती हैं। फिलीपींस, जापान, ताइवान और अमेरिका की चेतावनियों के बावजूद चीन अपनी चालें नहीं रोक रहा है। स्थिति जिस तरह बढ़ रही है, दुनिया एक नए सैन्य टकराव की दहलीज पर खड़ी नजर आ रही है।