कैरेबियन में जंग की आहट, (डिजाइन फोटो)
Caribbean Sea Military Action: कैरेबियन सागर में अमेरिकी सैन्य अभियान को लेकर ब्रिटेन और कनाडा दोनों देशों ने गहरी चिंता जताई है। ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों ने अमेरिका के साथ संदिग्ध ड्रग तस्करी नौकाओं की जानकारी साझा करना बंद कर दिया है। CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन को आशंका है कि अमेरिका उसकी दी गई खुफिया सूचनाओं का इस्तेमाल घातक हमलों के लिए कर रहा है।
लंदन ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कहा कि वह अब अमेरिका की किसी भी सैन्य कार्रवाई में शामिल नहीं रहेगा। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सितंबर से अमेरिका ने कैरेबियन क्षेत्र में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल जहाजों पर घातक हमले शुरू कर दिए हैं, जिनमें अब तक 76 लोगों की मौत हो चुकी है।
तनाव को और बढ़ाते हुए अमेरिका ने मंगलवार को दुनिया का सबसे बड़ा विमानवाहक पोत USS Gerald R. Ford कैरेबियन सागर में तैनात कर दिया है। आधिकारिक तौर पर इसे “ड्रग्स तस्करी रोकने के अभियान” के तहत भेजा गया है, लेकिन ब्रिटेन का कहना है कि अमेरिका के कदम न्यायेतर हत्याओं की श्रेणी में आते हैं।
इधर, वेनेज़ुएला ने भी मोर्चा संभाल लिया है। देश के रक्षा मंत्री व्लादिमीर पाद्रीनो लोपेज़ ने कहा कि अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती के जवाब में वेनेज़ुएला ने अपने सैनिकों, हथियारों और सैन्य उपकरणों की विशाल तैनाती शुरू कर दी है। देश की थल सेना, नौसेना, वायुसेना और रिज़र्व बल बुधवार तक बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास कर रहे हैं।
इन अभ्यासों में नागरिक रिज़र्व फोर्स बोलीवारियन मिलिशिया भी शामिल है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति ह्यूगो शावेज ने स्थापित किया था। लोपेज़ ने कहा कि यह अभियान अमेरिका की साम्राज्यवादी धमकी का जवाब है।
ब्रिटेन और कनाडा के पीछे हटने से अमेरिका अब अपने पारंपरिक सहयोगियों से अलग-थलग होता दिख रहा है। कनाडाई रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि उनके अभियान अमेरिकी सैन्य हमलों से पूरी तरह अलग हैं और वे नहीं चाहते कि उनकी खुफिया जानकारी का उपयोग किसी हवाई या नौसैनिक हमले में किया जाए।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह पूरा अभियान वेनेज़ुएला पर दबाव बनाने की अमेरिकी रणनीति का हिस्सा है। अमेरिका पहले ही कुछ ड्रग कार्टेल्स को विदेशी आतंकी संगठन घोषित कर चुका है, जिससे वह अपनी सैन्य कार्रवाई को वैध ठहराने की कोशिश कर रहा है।
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संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर टुर्क ने इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। वहीं, अमेरिकी दक्षिणी कमान के प्रमुख एडमिरल एल्विन होल्सी ने इस अभियान की वैधता पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की पेशकश की है।रक्षा विशेषज्ञों का अनुमान है कि अमेरिका जल्द ही वेनेज़ुएला के तटों पर सैन्य नाकाबंदी या सीधा हमला कर सकता है जो रूस के साथ उसके बढ़ते संबंधों को देखते हुए एक बड़े अंतरराष्ट्रीय संघर्ष का रूप ले सकता है।