चंद्र आर्य-जस्टिन ट्रूडो
टोरंटो: जहां एक तरफ बीते छह जनवरी को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने अपने नेतृत्व के प्रति बढ़ते असंतोष के मद्देनजर सोमवार को पद इस्तीफे की घोषणा की थी। वहीं पिछले साल के अंत में वित्त मंत्री के अचानक इस्तीफे से ट्रूडो के नेतृत्व वाली सरकार के भीतर उथल-पुथल का संकेत मिला था। वहीं अब यहां प्रधानमंत्री पद के लिए मची सियासी हलचल के बीच भारतीय मूल के चंद्र आर्य ने भी पीएम पद की दावेदारी ठोकी है।
इस बाबत ओटावा से सासंद ने अपनी दावेदारी का ऐलान करते हुए आर्य ने सोशल मीडिया हैंडल पर एक वीडियो पोस्ट कर कहा कि, वे एक कुशल सरकार का नेतृत्व करने के लिए कनाडा का अगला प्रधान मंत्री बनने की रेस में शामिल है। हालांकि वहीं भारतीय मूल की ही अनीता आनंद पहले से ही प्रधानमंत्री बनने की रेस में बनी हुई हैं।
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जानकारी दें कि, चंद्र आर्य लिबरल पार्टी के नेता है और ओटावा से सासंद भी हैं। खबरों के अनुसार आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुरु में हुआ था। वहीं उन्होंने भारत के कौसाली इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, धारवाड़ से MBA करने के बाद साल 2006 में कनाडा चले गए। हालांकि, कनाडा जाकर राजनीति में कदम रखने से पहले आर्य इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
वहीं साल 2015 में चंद्र आर्य पहली बार सांसद बने। साल 2019 में दूसरी बार चुनावी जीत का स्वाद चखा। चंद्र आर्य अपने राजनीतिक सफर के शुरू के समय में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के काफी करीबी माने जाते थे। लेकिन भारत और कनाडा के बीच तनाव पैदा होने से और ट्रूडो का भारत विरोधी रवैया सामने आने से इन दोनों के रिश्ते में भी दूरियां दिखीं। ट्रूडो के इसी भारत विरोधी रवैये के चलते आर्य ने उनका साथ छोड़ दिया और दोनों धुर विरोधी बन गए। आर्य खालिस्तानी गतिविधियों के भी गहन आलोचक हैं।
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जानकारी दें कि, बीते कुछ हफ्तों से ट्रंप ने जोर देकर कहा है कि वह कनाडा को अमेरिका का हिस्सा और उसका 51वां राज्य बनाना चाहते हैं। कई बार वे ट्रूडो का मजाक उड़ाते हुए उन्हें कनाडा का गवर्नर कह चुके हैं। इस पर ट्रूडो ने भी सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा था कि, ‘‘इस बात की कोई संभावना नहीं है कि कनाडा अमेरिका का हिस्सा बन जाएगा।”