प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)
साना: ईरान और इजराइल के बीच सीजफायर के बाद से शांति है। इसी बीच खबर आई है कि रविवार को रेड सी में यमन के पास एक ब्रिटिश जहाज पर हमला हुआ है। जानकारी के मुताबिक, हमलावरों ने जहाज पर गोलीबारी करने के साथ रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड (RPG) दागे। इस हमले में यमन के हूती विद्रोहियों के शामिल होने की आशंका जताई गई है।
ब्रिटेन के यूनाइटेड किंगडम मरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस सेंटर ने बताया कि हमले के समय जहाज में मौजूद सशस्त्र सुरक्षा टीम ने जवाबी हमला किया। फिलहाल किसी भी संगठन ने इसकी जिम्मेदारी नहीं ली है। हमले की जांच की जा रही है। ऑपरेशंस सेंटर ने इसमें हूती विद्रोहियों के शामिल होने की आशंका जताई है।
🚨🇬🇧Legacy Media say a British Ship attacked by Gunfire & Rocket propelled grenades in The Red Sea
Once you understand how Legacy Media works, it’s easy to see through it. pic.twitter.com/Ej5V6o7ECw
— Concerned Citizen (@BGatesIsaPyscho) July 6, 2025
पिछले कुछ महीनों में, यमन के हूती विद्रोहियों ने रेड सी के इस अहम क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को बढ़ा दिया है। यह इलाका समुद्री व्यापार के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया का लगभग 40 प्रतिशत वाणिज्यिक जहाज इसी मार्ग से गुजरते हैं। इसी वजह से, हूती विद्रोही यहां से गुजरने वाले वाणिज्यिक और सैन्य जहाजों को अपना निशाना बनाते हैं।
#World_News
Yesterday, #Yemeni #Houthis fighters attacked and destroyed a #British oil tankerIt seems as if the Houthi fighters have taken over the Red Sea
They are attacking any ship link to #Israel in the Red Seapic.twitter.com/wGvgO8fWmW
— MOHAMMAD JAFAR ABBAS محمد جعفر عباس (@MOHAMMA47949502) October 24, 2024
हूती विद्रोहियों का दावा है कि वे ये हमले गाजा पट्टी में हमास के खिलाफ इजरायल के हमलों के विरोध में कर रहे हैं। नवंबर 2023 से जनवरी 2025 तक, हूती विद्रोहियों ने 100 से ज्यादा व्यापारी जहाजों को निशाना बनाया, जिनमें से दो डूब गए और चार नाविकों की मृत्यु हो गई।
डोनाल्ड ट्रंप के गोल्फ कोर्स में घुसा अंजान प्लेन, US आर्मी में हड़कंप, अलर्ट
हूती विद्रोहियों ने कुछ समय के लिए संघर्षविराम लागू किया था और जहाजों पर हमले रोक दिए थे। हालांकि, मार्च के मध्य में जब अमेरिका ने उनके ठिकानों पर बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए, तो यह संघर्षविराम टूट गया। इसके कुछ सप्ताह बाद तक हूतियों ने किसी जहाज पर सीधे हमले नहीं किए, लेकिन वे इज़राइल को निशाना बनाकर कभी-कभी मिसाइल हमले जारी रखते रहे।