बांग्लादेश के 'जुलाई विद्रोह' के नेता उस्मान हादी की सिंगापुर में मौत (सोर्स- सोशल मीडिया)
July Uprising Leader Assassination: बांग्लादेश की राजनीति में हलचल मचाने वाले युवा नेता शरीफ उस्मान हादी अब इस दुनिया में नहीं रहे। ढाका में चुनाव प्रचार के दौरान उन पर जानलेवा हमला हुआ था, जिसके बाद उनका इलाज सिंगापुर में चल रहा था। हादी वही शख्स थे जिन्होंने शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए ऐतिहासिक ‘जुलाई विद्रोह’ की कमान संभाली थी। उनकी मौत की खबर मिलते ही बांग्लादेश के कई शहरों में हिंसा और विरोध प्रदर्शनों का दौर शुरू हो गया है।
शरीफ उस्मान हादी मात्र 32 वर्ष के थे और ढाका यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के छात्र थे। उनका जन्म झलकाठी जिले में हुआ था और उनके पिता एक मदरसा शिक्षक थे। हादी ने अपनी शुरुआती शिक्षा मदरसे से पूरी की थी और वे एक प्रखर लेखक भी थे।
बांग्लादेश के युवाओं के बीच उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके एक आह्वान पर हजारों छात्र सड़कों पर उतर आते थे। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर ‘इंकलाब मंच’ का गठन किया था, जो देश की नई राजनीतिक आवाज बनकर उभरा।
उस्मान हादी ने साल 2026 में होने वाले बांग्लादेशी आम चुनावों के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी। वह ढाका-8 निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। घटना के दिन जब वह मध्य ढाका के बिजयनगर इलाके में अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रहे थे, तभी तीन अज्ञात हमलावरों ने उन पर अंधाधुंध गोलियां चला दीं। इस हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। उन्हें तुरंत बेहतर इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां छह दिनों तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली।
जुलाई विद्रोह की सफलता के बाद उस्मान हादी काफी सुर्खियों में रहे थे। उन्होंने केवल पुरानी सरकार का ही विरोध नहीं किया, बल्कि बांग्लादेशी सेना और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की नीतियों के खिलाफ भी मजबूती से आवाज उठाई थी।
हादी का मानना था कि बांग्लादेश को एक पूरी तरह से नई और निष्पक्ष लोकतांत्रिक व्यवस्था की जरूरत है। उनकी इसी बेबाक राजनीति ने उन्हें कई शक्तिशाली समूहों का विरोधी बना दिया था। उनकी हत्या को इसी राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से जोड़कर देखा जा रहा है।
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जैसे ही उस्मान हादी की मौत की आधिकारिक पुष्टि हुई, ढाका सहित कई जिलों में तनाव चरम पर पहुंच गया। इंकलाब मंच के समर्थकों और छात्रों ने सड़कों पर उतरकर तोड़फोड़ और आगजनी शुरू कर दी है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि यह एक राजनीतिक हत्या है और वे दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल बांग्लादेश के कई हिस्सों में सुरक्षा बल तैनात कर दिए गए हैं और हालात पर काबू पाने की कोशिश की जा रही है। हादी की मौत ने आगामी चुनावों की सुरक्षा और देश की स्थिरता पर बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।