बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना व मोहम्मद यूनुस (सोर्स - सोशल मीडिया)
ढ़ाका: बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा उलटफेर सामने आया है। अंतरिम सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीने से जुड़ी प्रमुख पार्टी अवामी लीग पर आतंकवाद विरोधी कानून के तहत प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में चल रहे मुकदमों और देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय उस वक्त लिया गया जब देश में हाल ही में राजनीतिक उथल-पुथल और जनविद्रोह की घटनाएं देखीं जा रहीं थी। अब सरकार ने इस कार्रवाई को सुरक्षा और संप्रभुता की रक्षा के लिए जरूरी बताते हुए इस पर निर्णय लिया है।
अंतरिम सरकार ने कहा है कि यह प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक पार्टी और उसके नेताओं के खिलाफ ICT में चल रही सुनवाई पूरी नहीं हो जाती। यह कदम उन लोगों की सुरक्षा के लिए भी अहम माना जा रहा है जो जुलाई 2024 में हुए जनविद्रोह और चल रही कानूनी कार्यवाही में शामिल रहे हैं।
कानून में हुआ बड़ा बदलाव
कैबिनेट बैठक में एक और बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें ICT कानून में संशोधन किया गया है। अब यह कानून सिर्फ व्यक्तियों पर ही नहीं, बल्कि किसी भी राजनीतिक दल या उसके सहयोगी संगठनों पर भी मुकदमा चलाने की अनुमति देता है। ये प्रतिबंध तब तक लागू रहेगा जब तक कि अवामी लीग और उनके नेताओं के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) में चल रही सुनवाई पूरी नहीं होती। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने कहा है कि यह फैसला देश की सुरक्षा और संप्रभुता बनाए रखने के लिए लिया गया है।
इतिहास रचने वाली पार्टी अब कटघरे में
1949 में स्थापित अवामी लीग ने पूर्वी पाकिस्तान में बांग्ला भाषियों के अधिकारों के लिए आंदोलन शुरू किया था और 1971 के मुक्ति संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी। लेकिन अब वही पार्टी आतंकवाद कानून के तहत कार्रवाई का सामना कर रही है, जो बांग्लादेश के राजनीतिक इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बन सकता है। इसके लिए कैबिनेट की बैठक में ICT कानून में भी संशोधन किया गया। अब यह ट्रिब्यूनल किसी भी राजनीतिक पार्टी व उसकी सहयोगी संस्थाओं, समर्थक एवं संगठनों पर भी मुकदमा चला सकेगा।