बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने लड़कियों के शॉर्ट्स पहनने पर बैन लगाया (फोटो- सोशल मीडिया)
Bangladesh Shorts Ban Controversy: बांग्लादेश में शुक्रवार को सरकार के एक विवादित फैसले के बाद बवाल मच गया। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने बैंकों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड लागू करते हुए शॉर्ट ड्रेस, शॉर्ट स्लीव और लेगिंग्स पहनने पर बैन लगा दिया था। सरकार के इस फैसले से लोगों का गुस्सा फुट पड़ा।
स्थानिय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक ने मंगलवार को महिला कर्मचारियों को शालीन और पेशेवर कपड़े पहनकर दफ्तर आने का फरमान जारी किया था। इसके अलावा बांग्लादेश बैंक के मानव संसाधन विभाग ने कर्मचारियों को चेतावनी दी कि अगर आदेश का पालन नहीं होता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इससे बाद लोगों का गुस्सा फुट पड़ा और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स और फेसबुक पर इसका विरोध करना शूरू कर दिया।
मामला इतना बिगड़ गया कि लोग सोशल मीडिया पर बांग्लादेश बैंक मैनेजमेंट को शालीन और पेशेवर की परिभाषा बताने लगे। कई लोगों ने इसकी तुलना तालीबानी आदेश की। विवाद को बढ़ता देख फिलहाल केंद्रीय बैंक ने अपने फैसले को वापस ले लिया है।
जानकारी के अनुसार रद्द किए गए फैसले में पुरुष कर्मचारियों को लंबी या आधी बाजू वाली शर्ट, फार्मल पैंट और जूते पहनने के लिए कहा गया था। वहीं, जींस और फैंसी पजामे पहनने पर बैन लगा दिया था। इसके अलावा महिलाओं को साड़ी, सलवार-कमीज, कोई अन्य सादा, शालीन, पेशेवर कपड़े, हेडस्कार्फ़ या हिजाब पहनने के लिए कहा गया था। इस आदेश के तहत महिलाओं को सैंडल या जूते पहनने की इजाजत थी।
बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के आदेश का सोशल मीडिया पर जमकर विरोध हुए। एक यूजर्स ने फैसले पर तंज सकते हुए कहा कि, इस्लामिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश बैंक ने महिला कर्मचारियों को शॉर्ट स्लीव और लैंगिंग्स नहीं पहनने पर बैन लगा दिया। लेकिन लेकिन बांग्लादेश बैंक के गवर्नर की बेटी अपनी मर्जी के कुछ भी पहन सकती है।
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लोगों ने इस फैसले की तुलना अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के आदेशों से की जिसमें सभी महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर सिर से पांव तक कपड़े पहनने का आदेश दिया गया है। एक यूजर ने लिखा कि नए तालिबानी युग में एक सतर्क तानाशाह का शासन। हालांकि सरकार ने विवाद के बाद फैसला वापस ले लिया है।