MiG-21 या J-7/F-7, (डिजाइन फोटो)
ढाका: बांग्लादेश में वायुसेना के एक प्रशिक्षण लड़ाकू विमान F-7 (चीन निर्मित) ने उड़ान के दौरान नियंत्रण खो दिया और एक कॉलेज परिसर में गिर गया। इस हादसे में पायलट सहित कुल 19 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 16 छात्र और 2 शिक्षक भी शामिल हैं। विमान दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है।
जिस विमान का यह हादसा हुआ, उसे अक्सर ‘ग्रैंडपा फाइटर जेट’ कहा जाता है। इसे चीन ने 1960 के दशक में सोवियत संघ के सहयोग से तैयार किया था। लेकिन जब चीन और सोवियत संघ के रिश्तों में खटास आई, तो चीन ने मिग-21 की रिवर्स इंजीनियरिंग कर इसका अपना वर्जन विकसित किया, जिसे जे-7 नाम दिया गया। F-7, जे-7 विमान का ही निर्यात रूप है।
कई देशों ने इस विमान मॉडल को अपनी वायु सेनाओं में शामिल किया है, जिनमें बांग्लादेश, पाकिस्तान, ईरान, म्यांमार, नामीबिया, नाइजीरिया, उत्तर कोरिया, श्रीलंका, सूडान, तंजानिया और जिम्बाब्वे प्रमुख हैं। बांग्लादेश ने चीन के J-7 लड़ाकू विमान के निर्यात संस्करण F-7 को अपनाया है और उसके पास इस प्रकार के 36 विमान हैं।
इसी तरह, पाकिस्तान के पास 120 से अधिक F-17 विमान हैं, जो इसे इस मॉडल का सबसे बड़ा संचालक बनाता है। चीन के अधिकतर लड़ाकू विमान दरअसल अमेरिकी और रूसी डिजाइनों की नकल पर आधारित हैं।
चीन की चेंगदू एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन (CAC) द्वारा विकसित जे-7 एक हल्का, सिंगल इंजन वाला लड़ाकू विमान था, जिसे हर मौसम में जमीनी हमलों को अंजाम देने के लिए डिजाइन किया गया था। इसका अंतरराष्ट्रीय निर्यात संस्करण एफ-7 के नाम से जाना जाता है। साल 1961 में चीन के नेता माओत्से तुंग और सोवियत संघ के नेता निकिता ख्रुश्चेव के बीच एक समझौता हुआ, जिसके तहत चीन को मिग-21 फाइटर जेट के उत्पादन की अनुमति दी गई।
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अगस्त 1962 में कुछ तकनीकी दस्तावेजों के साथ मिग-21 के पुर्जे चीन के शेनयांग प्लांट भेजे भी गए। लेकिन जल्द ही दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई और समझौता रद्द कर दिया गया। इसके बावजूद चीन ने सोवियत समर्थन के बिना ही अपना स्वदेशी संस्करण तैयार करना जारी रखा।
मिग-21 को उसके खराब उड़ान सुरक्षा रिकॉर्ड के चलते अक्सर “उड़ता ताबूत” कहा जाता है। 1960 के दशक में चीन की शेनयांग एयरक्राफ्ट कॉर्पोरेशन ने सोवियत संघ के मिग-21F-13 विमान का अध्ययन करने के लिए रिवर्स इंजीनियरिंग की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान चीनी इंजीनियरों ने विमान के डिज़ाइन में 249 तकनीकी खामियों को पहचाना और उन्हें दूर करने के लिए आठ से अधिक विस्तृत तकनीकी दस्तावेज़ तैयार किए।
1964 में चीन ने मिग-21 से मिलते-जुलते J-7I विमान का उत्पादन शुरू किया। दिखने में ये दोनों विमान काफी हद तक एक जैसे थे, लेकिन तकनीकी रूप से इनकी बनावट और प्रणाली में कई अंतर थे। हालांकि मिग-21 को उसकी सुरक्षा खामियों की वजह से बदनाम किया गया, J-7 का दुर्घटना रिकॉर्ड मिग-21 से कुछ हद तक अलग रहा है।