बांग्लादेश चुनाव को लेकर शेख हसीना का प्लान
Bangladesh hindi News: बांग्लादेश में फरवरी 2026 में आम चुनाव होने वाले हैं। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब शेख हसीना सरकार के सत्ता से हटे हुए एक साल पूरा हो चुका है। चुनाव की घोषणा के बाद पूर्व सत्ताधारी दल आवामी लीग ने फिर से सक्रियता दिखानी शुरू कर दी है। इसमें सबसे रोचक बात यह है कि शेख हसीना के पुत्र सजीब वाजेद जॉय की राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं।
काफी समय तक पर्दे के पीछे रहने वाले सजीब अब सक्रिय होकर पार्टी की रणनीति में शामिल हो गए हैं। पार्टी के भीतर यह चर्चा है कि आने वाले समय में उन्हें पार्टी का नेतृत्व भी दिया जा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आवामी लीग यह संदेश जोर-शोर से जनता तक पहुंचाना चाहती है कि शेख हसीना की सरकार को देश-विदेश की साजिशों के तहत हटाया गया था।
आवामी लीग के नेताओं का आरोप है कि अंतरिम सरकार उन्हें और उनके सहयोगी दलों को चुनाव में भाग लेने का अवसर नहीं दे रही है। इस वजह से वे यह संदेश देने का प्रयास करेंगे कि आगामी चुनाव समावेशी नहीं होंगे। उनका मानना है कि आवामी लीग का मजबूत जनाधार है, और यदि पार्टी चुनाव प्रक्रिया से दूर रही तो यह मुद्दा और भी परेशानी खड़ा कर सकता है।
रिपोर्ट के अनुसार, मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की विफलताओं को भी राजनीतिक रूप से भुनाने की कोशिश कर रही है। आवामी लीग के बहुत से नेताओं का कहना है कि कानून-व्यवस्था सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार की नाकामियाँ जनता के बीच उनके पक्ष में माहौल बना सकती हैं।
पिछले 15 सालों में शेख हसीना की अवामी लीग ने कई ऐसे फैसले लिए जिससे आम जनता और विपक्षी दलों से उनकी दूरी बढ़ती गई। इसी नाराजगी ने तख्तापलट को रास्ता दिया। आज भी जनता का एक बड़ा हिस्सा पार्टी के खिलाफ है। मौजूदा अंतरिम सरकार के अलावा, प्रमुख विपक्षी दल जैसे BNP, जमात-ए-इस्लामी और NCP भी अवामी लीग के खिलाफ एकजुट हैं। यह गठबंधन हसीना की वापसी को और मुश्किल बना सकता है।
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अवामी लीग अपने इतिहास के सबसे बड़े संकट से जूझ रही है। कई बड़े नेता देश छोड़कर भारत, अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों में शरण ले चुके हैं। सैकड़ों नेताओं पर मानवता विरोधी अपराधों और हत्या के मामले चल रहे हैं। वहीं, कुछ जेल में हैं, तो कुछ मुकदमों में फंसे हुए। जो नेता देश में हैं, वे एक साल से अंडरग्राउंड हैं। कोई भी खुलकर पार्टी की कमान संभालने को तैयार नहीं। तो ऐसे में पार्टी की वापसी इतनी आसान नहीं है।