बलूचिस्तान में राष्ट्रीय पहचान पत्र रखने वाले 33 लोगों की बेरहमी से हत्या (सोर्स-सोशल मीडिया)
कराची: पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हालात बेहद नाजुक होते जा रहे हैं। लग तो ऐसा रहा है कि पाकिस्तान से अपने ही मुल्क का एक हिस्सा नहीं संभाला जा रहा है। ऐसा ही रहा तो जल्दी ही एक बार फिर से पाकिस्तान के दो टुकड़े हो सकते हैं! यहां घटित हुए दो ताजा घटनाओं हथियारबंद हमलावरों ने 33 लोगों को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है। जिसमें से एक हमले की जिम्मेदारी भी बलूच लिबरेशन आर्मी ने ले ली है।
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में सोमवार को दो अलग-अलग हमलों में हथियारबंद हमलावरों ने कम से कम 33 लोगों की हत्या कर दी। पहली घटना में बलूचिस्तान के मूसाखेल जिले में बंदूकधारियों ने बसों से यात्रियों को उतारकर और उनके पहचान पत्र देखने के बाद पंजाब प्रांत के कम से कम 23 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयूब खोसो ने बताया, ‘‘यात्रियों को बसों से उतरने के लिए कहा गया और राष्ट्रीय पहचान पत्र देखने के बाद उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गयी।”
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खोसो ने बताया कि मृतकों में से ज्यादातर लोग दक्षिणी पंजाब के और कुछ खैबर पख्तूनख्वा के हैं जिससे पता चलता है कि उनकी जातीय पृष्ठभूमि के कारण उनकी हत्या की गयी है।” प्राधिकारियों ने बताया कि एक अन्य हमले में बलूचिस्तान के कलात जिले में बंदूकधारियों ने चार पुलिस अधिकारियों समेत कम से कम 10 लोगों की हत्या कर दी गयी। सुरक्षा सूत्रों ने ‘जियो न्यूज’ को बताया कि आतंकवादियों ने 24 अगस्त और 25 अगस्त की रात को बलूचिस्तान में कई स्थानों पर हमले किए। खोसो ने बताया कि हथियारबंद लोगों ने मूसाखेल में राजमार्ग पर करीब 12 वाहनों में आग भी लगा दी। प्रांत में सबसे ज्यादा सक्रिय आतंकवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मूसाखेल में हमले की जिम्मेदारी ली है।
‘रेडियो पाकिस्तान’ ने बताया कि राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हमले की कड़ी निंदा की है। हमलों में लोगों की मौत पर दुख जताते हुए उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की और शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। जरदारी ने कहा कि निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या पूरी मानवता की हत्या है और उन्होंने दोषियों को सजा दिलाने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रशासन को शोक संतप्त परिवारों के साथ पूरा सहयोग करने और घायलों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया। उन्होंने कानून प्रवर्तन एजेंसियों को घटना की तुरंत जांच करने का भी निर्देश दिया।
शहबाज शरीफ ने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में किसी भी प्रकार का आतंकवाद स्वीकार्य नहीं है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों ने आतंकवाद की समस्या को खत्म करने की पाकिस्तान की अटूट प्रतिबद्धता व्यक्त की। बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने आतंकवाद की इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने आतंकवाद के कायरतापूर्ण कृत्य में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त की हैं। बुगती ने कहा कि आतंकवाद और उनके मददगार बच नहीं पाएंगे।
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उन्होंने कहा कि बलूचिस्तान सरकार आतंकवादियों को पकड़ लेगी। पुलिस ने बताया कि एक अन्य आतंकवादी हमले में बोलन के डोजन इलाके में एक रेलवे पुल को बम से उड़ा दिया गया। बलूचिस्तान, पाकिस्तान का सबसे बड़ा प्रांत है लेकिन अन्य प्रांतों से अधिक संसाधन होने के बावजूद यह सबसे कम विकसित है। बीएलए और अन्य बलूच अलगाववादियों ने क्षेत्र में काम कर रहे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत के लोगों पर हमले तेज कर दिए हैं। मूसाखेल में हमले से करीब चार महीने पहले पंजाब के लोगों को निशाना बनाते हुए ऐसा ही हमला किया गया था।
अप्रैल में नोश्की के समीप एक बस से नौ यात्रियों को उतारा गया था और बंदूकधारियों ने उनके पहचान पत्र देखने के बाद उन्हें मौत के घाट उतार दिया था। पिछले साल अक्टूबर में अज्ञात बंदूकधारियों ने बलूचिस्तान में केच जिले के तुरबत में पंजाब के छह श्रमिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। ऐसी ही एक घटना 2015 में भी हुई थी जब बंदूकधारियों ने तुरबत के समीप एक श्रमिक शिविर पर हमला कर 20 लोगों की हत्या कर दी थी। पाकिस्तान संघर्ष और सुरक्षा अध्ययन संस्थान के अनुसार, बलूचिस्तान में पिछले साल 170 आतंकवादी हमले हुए थे जिनमें 151 नागरिकों और 114 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गयी थी।
-एजेंसी इनपुट के साथ