तेजस Mk-1A (सोर्स- सोशल मीडिया)
Armenia Puts 1.2 Billion Dollar Tejas Deal On Hold After Dubai Crash: दुबई एयरशो के दौरान भारतीय लड़ाकू विमान तेजस Mk-1A के क्रैश होने की घटना ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। हादसे में पायलट की गंभीर चोटों से मौत हो गई, जिसके बाद मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में है। खबरों के अनुसार अर्मेनिया ने तेजस खरीदने की बातचीत रोक दी है, जो कि भारत के लिए पहला बड़ा एक्सपोर्ट ऑर्डर होता। इस डील की कीमत करीब 1.2 बिलियन डॉलर यानी 10 हजार करोड़ रुपये बताई जा रही थी।
दुबई के अल-मकतूम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 21 नवंबर 2025 को तेजस Mk-1A सुपरसोनिक फाइटर जेट एयरशो के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। दुर्घटना में पायलट की जान चली गई। इसी घटना के तुरंत बाद बताया जा रहा है कि अर्मेनियाई सरकार ने भारत के साथ तेजस की खरीद से जुड़ी बातचीत रोक दी है। इजरायली मीडिया ‘येरूशलम पोस्ट’ ने दावा किया है कि हादसे के बाद यह फैसला लिया गया, हालाकि अभी तक अर्मेनिया की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं हुआ है।
भारत और HAL की अर्मेनिया के साथ 12 तेजस Mk-1A फाइटर जेट सप्लाई के लिए 1.2 बिलियन डॉलर (10,705,988,568 रुपये) की बातचीत चल रही थी। यह डील फाइनल होने के बिल्कुल करीब थी और यह तेजस का पहला एक्सपोर्ट ऑर्डर माना जा रहा था।
तेजस प्रोजेक्ट 1982 में MiG-21 को रिप्लेस करने के लिए शुरू हुआ। 1990 में इसका नाम ‘तेजस’ रखा गया और अब तक भारतीय वायुसेना को केवल 40 तेजस विमान ही मिल पाए हैं। भारतीय फाइटर फ्लीट में यह सबसे हल्का जेट है सिर्फ 6,500 किलो वजन। इसमें 50% घरेलू पार्ट्स शामिल हैं और यह केवल 460 मीटर रनवे से उड़ान भर सकता है। तेजस की रेंज 3,000 किमी और स्पीड 2,205 किमी/घंटा तक है।
इन तकनीकों के कारण यह दूर से भी सटीक निशाना साधने की क्षमता रखता है।
2025 में भारत सरकार ने HAL को 97 तेजस Mk-1A सप्लाई करने का आदेश दिया है। 7.03 अरब डॉलर (623.70 अरब रुपये) की इस डील के तहत 2027-28 से 6 साल में डिलीवरी की जाएगी। तेजस Mk-1A में इजरायली सिस्टम्स का बड़ा योगदान है, इसलिए डील रुकने से इजराइल को भी नुकसान हो सकता है।
यह भी पढ़ें: VP Singh: मांडा के ‘राजा साहब’ जो देश की ‘तकदीर’ बनकर आए, एक फैसले ने बनाया था सवर्णों का ‘खलनायक
तेजस डील पर अंतिम फैसला अभी अर्मेनिया की आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है। भारत के लिए यह न केवल रणनीतिक बल्कि निर्यात के क्षेत्र में भी बड़ा कदम साबित हो सकता था।