तस्वीर में जो बाइडन और नेतन्याहू
वाशिंगटन: अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। विश्वभर में उसकी नजर रहती है। जमीन से लेकर आसमान तक। देश-दुनिया की हर गतिविधियों पर उसकी पैनी नजर है। कई देशों के सिर पर तो सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र अमेरिका का हाथ है। उनमें से पाकिस्तान और बांग्लादेश भी है।
एक तरफ कुछ देश दूसरे देशों के साथ युद्ध में उलझा हुआ है तो कुछ देश आंतरिक कलह जैसे गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। अमेरिका इन देशों को संकट से नहीं उबार पा रहा है। ऐसे देशों मे पाकिस्तान और बांग्लादेश भी शामिल है।
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बांग्लादेश और पाकिस्तान गंभीर संकट में
विदेश नीति के जानकार ब्रह्म चेलानी ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा, अमेरिका द्वारा समर्थित सैन्य-समर्थित शासन के बावजूद, पाकिस्तान और बांग्लादेश गंभीर संकट में हैं। आंतरिक हिंसा से और नकदी की कमी से जूझ रहे हैं। यहां तक कि आईएमएफ ने हाल ही में पाकिस्तान के लिए 7 बिलियन डॉलर का ऋण स्वीकृत किया है। 14 महीनों में यह उसका दूसरा ऋण है। फिर भी स्थितियां पाकिस्तान की जस की तस है। उधर बांग्लादेश को भी अमेरिका 3 बिलियन डॉलर का बेलआउट देने पर विचार कर रहा है।
युद्ध पर भी नियंत्रण खो रहा अमेरिका
ये तो पाकिस्तान और बांग्लादेश की आंतरिक हिंसा की बात हो गई। इसके अलावा दुनिया के कई देश युद्ध का सामना कर रहे हैं। रूस, यूक्रेन, इसराइल, फिलिस्तीन, लेबनान और अब इसकी आंच ईरान तक भी पहुंच चुकी है। अमेरिका युद्ध विराम के लिए अपील कर रहा है। फिर भी युद्ध जारी है। इसराइल और हिज्बुल्ला के बीच जारी जंग को देखते हुए हाल ही में संयुक्त राष्ट्र समर्थित देशों ने तीन हफ्ते यानी 21 दिन के लिए संघर्ष विराम का आग्रह किया था। जिस पर इसराइल ने साफ इनकार कर दिया था। इसी बीच इसराइल ने एक हमले में हिज्बुल्ला के चीफ को मार गिराया।
विदेश नीति के जानकार ब्रह्म चेलानी का एक्स पर पोस्ट
Despite military-backed regimes propped up by the US, Pakistan and Bangladesh are in dire straits, torn by internal violence and strapped for cash. IMF has just approved a $7bn loan for Pakistan (its second loan in 14 months) and is considering granting Bangladesh a $3bn bailout.
— Brahma Chellaney (@Chellaney) September 29, 2024
इन देशों को दे रहा सैन्य सहायता
यूक्रेन का रूस के साथ संघर्ष जारी है और इसराइल का कई देशों के चरामपंथी संगठनों के साथ युद्ध चालू है। इसराइल , फिलिस्तीन के चरमपंथी समूह हमास के साथ गाजा में युद्ध कर रहा है तो दूसरी ओर लेबनान के आतंकवादी समूह हिज्बुल्ला के साथ भी संघर्ष कर रहा है। इसके अलावा इसराइल को ईरान भी धमका रहा है। ईरान के राष्ट्रपति के सपथ ग्रहण समारोह में हमास चीफ इस्माइल हानिया शामिल होने तेहरान पहुंचा था। तभी इसराइल ने हानिया को 31 जुलाई को ईरान की राजधानी तेहरान में मार गिराया। ऐसा ईरान दावा करता है।
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हालांकि इसराइल ने इस हमले की अभी तक जिम्मेदारी नहीं ली है। ईरान में घुसकर हानिया को ढेर किये जाने पर ईरान, इसराइल को धमका रहा है। इधर न इसराइल रुकने को तैयार है और न ही यूक्रेन और रूस किसी भी तरह के समझौते को तैयार है। शांति वार्ता के लिए अमेरिका बैठक पर बैठक कर रहा है। फिर भी स्थितियां सुधर नहीं रही है। हालांकि, इस बात से भी नहीं इनकार किया जा सकता कि अमेरिका, इसराइल और यूक्रेन की सैन्य मदद करता है। बावजूद इसके ये देश भी अमेरिका की एक नहीं सुन रहे।