पाकिस्तानी पुलिस ने 45 को उठाया, सांकेतिक फोटो फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में रमजान के पवित्र महीने में भी अहमदिया समुदाय के लोगों पर अत्याचार थम नहीं रहे हैं। हाल ही में, जब इस समुदाय के लोग शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए मस्जिदों में जुटे थे, तो पाकिस्तानी पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। ये घटनाएं देश के दो अलग-अलग इलाकों में हुईं, जहां कुल 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया। गौरतलब है कि पाकिस्तान के कानून के अनुसार, अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम नहीं कह सकते और न ही उन्हें नमाज पढ़ने की अनुमति है।
कराची में पुलिस ने बताया कि उन्होंने सुरक्षा कारणों से 25 अहमदिया लोगों को हिरासत में लिया है। यह घटना सुरजानी इलाके में स्थित उनकी मस्जिद में हुई, जब स्थानीय मुस्लिम समुदाय के लोग वहां जमा होकर उनके खिलाफ नारेबाजी करने लगे। पुलिस अधिकारी इरफान अली बलूच के अनुसार, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) के कई समर्थक अहमदिया पूजा स्थल के बाहर एकत्रित हुए और उन्हें धमकाते हुए कहा कि वे शुक्रवार की नमाज पढ़ना बंद करें क्योंकि यह केवल मुसलमानों के लिए होती है। किसी संभावित हमले की आशंका के चलते पुलिस ने पूजा स्थल पर मौजूद 25 अहमदिया लोगों को सुरक्षा के तहत हिरासत में ले लिया।
पंजाब प्रांत के सरगोधा जिले में, जो लाहौर से लगभग 200 किलोमीटर दूर है, पुलिस ने करीब 20 अहमदियों को उनकी इबादतगाह में नमाज अदा करने के आरोप में हिरासत में लिया। बताया जा रहा है कि पुलिस ने यह कार्रवाई तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (TLP) के दबाव में की। सरगोधा पुलिस के अनुसार, अहमदियों के खिलाफ पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 298-सी के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा उन अहमदियों को अपराधी ठहराती है जो खुद को मुस्लिम बताते हैं।
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अहमदिया समुदाय के लोग खुद को मुस्लिम मानते रहे हैं, लेकिन 1974 में पाकिस्तान की संसद ने उन्हें गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया। इसके करीब दस साल बाद, उनके लिए खुद को मुस्लिम कहने और इस्लाम से जुड़े कुछ धार्मिक कार्यों का पालन करने पर भी रोक लगा दी गई। पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, अहमदी समुदाय के लोग मस्जिदों पर मीनार या गुंबद नहीं बना सकते और न ही सार्वजनिक रूप से कुरान की आयतें लिख सकते हैं। कुल मिलाकर, उन्हें ऐसा कोई भी काम करने की अनुमति नहीं है, जिससे उनकी पहचान मुस्लिम के रूप में हो सके।