म्यांमार भूकंप की तस्वीर, फोटो ( सो. सोशल मीडिया )
यांगून: म्यांमार में आए भयंकर भूकंप के बाद अब तक कुल 98 झटके दर्ज किए जा चुके हैं। यह जानकारी मंगलवार को देश के मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग ने दी। इन झटकों की तीव्रता 2.8 से लेकर 7.5 के बीच रही। म्यांमार में 7.7 तीव्रता वाले इस भूकंप से अब तक मरने वालों की संख्या 3,600 तक पहुंच गई है, जबकि 5,017 लोग घायल हुए हैं और 160 लोग अब भी लापता हैं। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, यह जानकारी राज्य प्रशासन परिषद की सूचना टीम ने साझा की।
दक्षिण-पूर्वी एशिया के इस देश के मांडले क्षेत्र में 28 मार्च को यह शक्तिशाली भूकंप आया था। इसके कुछ ही मिनट बाद 6.4 तीव्रता का एक और झटका महसूस किया गया, जिससे भारी जानमाल का नुकसान हुआ।
भूकंप ने मंडाले समेत कई शहरों में भारी तबाही मचाई। राहत और बचाव कार्यों को अंजाम देना संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय सहायता संगठनों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। इसके बावजूद, संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, भारत, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों एवं वैश्विक संस्थाओं ने म्यांमार के भूकंप प्रभावित इलाकों में सहायता और बचाव दल भेजे। भारत ने ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नामक एक विशेष अभियान शुरू किया, जिसके अंतर्गत नई दिल्ली ने म्यांमार को भारी मात्रा में चिकित्सा उपकरण और राहत सामग्री प्रदान की।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आपदा पर गहरी संवेदना प्रकट की और संकट की इस घड़ी में म्यांमार को सहायता देने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। 4 अप्रैल को बैंकॉक में आयोजित बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने म्यांमार की राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री, सीनियर जनरल मिन आंग ह्लाइंग से भेंट की। इस दौरान दोनों नेताओं ने म्यांमार में आए भीषण भूकंप और उसके प्रभावों पर चर्चा की। सीनियर जनरल ने भारत द्वारा किए गए सहायता प्रयासों के लिए धन्यवाद व्यक्त किया।
बता दें कि भारत ने म्यांमार में भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए सहायता बढ़ा दी है। 6 अप्रैल, रविवार को भारत ने म्यांमार के भूकंप पीड़ितों के लिए 31 टन अतिरिक्त राहत सामग्री भेजी। इस सामग्री में भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल के लिए जरूरी उपकरण और सामान भी शामिल था। यह राहत सामग्री ‘सी-17 ग्लोबमास्टर’ विमान के ज़रिए भेजी गई। इसके पहले भारत ने 30 मार्च को लगभग 52 टन राहत सामग्री म्यांमार भेजा था ।