9/11 के आतंकियों को मिलेगी सजा-ए-मौत
वाशिंगटन: 9/11 के तीनों मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हौसावी को फांसी की सजा हो कर रहेगी। अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने शुक्रवार को बताया कि मास्टरमाइंड के एक याचिका समझौते को रद्द कर दिया गया है। यह बता दें कि घटना उस समझौते के घोषणा के दो दिन बाद हुई है। जिसके तहत कथित तौर पर खालिद और तीन आतंकियों के मौत की सजा को खत्म कर दिया गया था।
2003 में हुई थी खालिद की गिरफ्तारी
बुधवार को मोहम्मद और उनके दो सहयोगियों के साथ हुए इस समझौतें से 11 सितम्बर 2001 को मारे गए लोगों के कुछ रिश्तेदारों में गुस्सा भड़क गया। बता दें कि इस समय खालिद को क्यूबा के ग्वांतानामो बे सैन्य अड्डे पर नजरबंद है। खालिद की गिरफ्तारी पाकिस्तान में साल 2003 में हुई थी। अमेरिकी जांच एजेंसी CIA द्वारा गोपनीय जेल में रख कर आतंकियों से पूछताछ की गई थी।
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किया किनारा
अमेरिकी रक्षा सचिव ऑस्टिन ने मामले की देखरेख करने वाली सुसान एस्केलियर को संबोधित करते हुए ज्ञापन में कहा, मैंने यह निर्धारित किया है कि अभियुक्तों के साथ पूर्व-परीक्षण समझौते में शामिल करने फैसले के महत्व के मद्देनजर, ऐसे निर्णय की जिम्मेदारी मुझ पर होनी चाहिए। ज्ञापन में ये भी कहा गया है कि मैं उपरोक्त संदर्भित मामले में 31 जुलाई 2024 को आपके द्वारा हस्ताक्षरित तीन पूर्व-परीक्षण समझौतों से हटता हूं।
आतंकियों की क्या थी याचिका
न्यूयॉर्क टाइम्स ने की रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद, वालिद बिन अताश और मुस्तफा अल-हौसावी ने आजीवन कारावास की सजा के बदले में षडयंत्र के लिए दोषी होने की दलील देने पर सहमति जताई थी, बजाय इसके कि उन पर मुकदमा चलाया जाए, जिसके कारण उन्हें मृत्युदंड की भी सजा हो सकती थी।
जानकारी के लिए बता दें कि 9/11 के बाद के सालों बाद में सी CIAके हाथों तीनों आतंकियों को कई यातनाएं झेलनी पड़ी। अब इन लोगों के मामलों से संबंधित ज्यादातर कानूनी बहस इस बात पर निर्भर कर रही है कि क्या उन पर निष्पक्ष मुकदमा चलाया जा सकता है?
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