भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष के लिए नामांकन दाखिल किया (फोटो- सोशल मीडिया)
कोलकाता: पश्चिम बंगाल भाजपा में नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्यसभा सांसद समिक भट्टाचार्य ने बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल कर दिया, जिसके बाद उनका निर्विरोध चुना जाना लगभग तय माना जा रहा है। इस मौके पर भाजपा कार्यालय साल्ट लेक में सत्तारूढ़ नेता सुकांत मजूमदार और विपक्ष के नेता शुवेंदु अधिकारी भी मौजूद थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व पहले ही उन्हें अपनी सहमति दे चुका है।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि भट्टाचार्य को शीर्ष नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है और इसी वजह से उनके खिलाफ किसी और उम्मीदवार ने नामांकन नहीं दाखिल किया। सुकांत मजूमदार का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और भाजपा बंगाल में अपनी राजनीतिक स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए नए नेतृत्व के साथ मैदान में उतरना चाहती है। भट्टाचार्य की गिनती एक सक्रिय और मीडिया फ्रेंडली नेता के रूप में होती है, जो तृणमूल कांग्रेस पर आक्रामक अंदाज़ में जवाब देने के लिए जाने जाते हैं।
जेपी नड्डा से मुलाकात के बाद तेज़ हुई थी अटकलें
भट्टाचार्य की संभावित नियुक्ति को लेकर अटकलें तब तेज़ हुईं जब सोमवार को उन्होंने दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास का दौरा किया। इस दौरान वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद भी उपस्थित थे, जो इस बार बंगाल अध्यक्ष चयन प्रक्रिया की निगरानी कर रहे हैं। इससे साफ हो गया कि दिल्ली हाईकमान की मंजूरी के बाद ही समिक भट्टाचार्य ने नामांकन दाखिल किया है।
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औपचारिकता भर है प्रक्रिया, चुनाव की नौबत नहीं
हालांकि पार्टी ने चुनाव प्रक्रिया के तहत नामांकन, जांच और नाम वापसी की अधिसूचना जारी की है, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के अनुसार यह केवल एक औपचारिक प्रक्रिया है। अगर कोई और उम्मीदवार मैदान में नहीं होता, तो बुधवार शाम तक समिक भट्टाचार्य को निर्विरोध अध्यक्ष घोषित कर दिया जाएगा। यह तय माना जा रहा है कि उनका नेतृत्व आगामी 2026 विधानसभा चुनावों की रणनीति तय करने में अहम भूमिका निभाएगा। समिक भट्टाचार्य की अगुवाई में पश्चिम बंगाल भाजपा को एक नया चेहरा मिलेगा, जो पार्टी को राज्य की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ मजबूत विपक्ष के रूप में स्थापित करने की चुनौती उठाएगा।