पश्चिम बंगाल विधानसभा में हंगामा (फोटो- सोशल मीडिया)
West Bengal News: पश्चिम बंगाल विधानसभा में गुरुवार को जबरदस्त हंगामा देखने को मिला। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (BJP) के विधायक आमने-सामने आ गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी को सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया
इस घटना के बाद सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर ममता सरकार पर जोरदार निशाना साधा। उन्होंने लिखा कि आज पश्चिम बंगाल विधानसभा में ममता बनर्जी और उनकी सरकार ने लोकतंत्र की सरेआम हत्या कर दी।
विधानसभा में हंगामे की शुरुआत उस वक्त हुई जब विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने विपक्ष के व्हिप चीफ शंकर घोष को नारेबाजी करने और मुख्यमंत्री के भाषण में व्यवधान डालने के आरोप में निलंबित कर दिया। हालांकि, शंकर घोष ने सदन से बाहर जाने से इनकार कर दिया। इसके बाद मार्शल और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने का प्रयास किया, जिस दोनों गुटों के बीच विवाद और बढ़ गया और हाथापाई की शुरू हो गई।इस दौरान शंकर घोष समेत कई विधायकों को चोटें भी आईं।
আজ পশ্চিমবঙ্গ বিধানসভায় গনতন্ত্র কে হত্যা করলো গনতন্ত্র হত্যাকারী মমতা ও তার দলদাস প্রশাসন… pic.twitter.com/X7XGw2WK2s
— Suvendu Adhikari (@SuvenduWB) September 4, 2025
जानकारी के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार दूसरे राज्यों में रहने वाले बंगाली समुदाय के लोगों के खिलाफ होने वाले दुर्व्यवहार के विरोध में एक बिल पेश करने वाली थी। गुरूवार को सीएम ममता बैनर्जी इसे लेकर भाषण दे रही थी, लेकिन विपक्षी नेता लगातार शोर मचाकर उनके भाषण में व्यवधान उत्पन्न रह थे। इससे ममता बनर्जी को गुस्सा आ गया और उन्होंने सदन के अंदर की बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी करने शुरू कर दिया।
इसके बाद स्पीकर बिमान बनर्जी ने भाजपा नेताओं को निलंबित कर दिया और सदन से बाहर जाने के लिए कहा। लेकिन बीजेपी नेताओं ने बाहर जाने से इनकार कर दिया और हंगामा जारी रखा। इसके बाद बिमान बिमान बनर्जी मार्शल और सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें बाहर निकालने का आदेश दिया जिसके बाद झड़पे हुई।
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भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया है कि मार्शलों ने उनके विधायकों के साथ दुर्व्यवहार किया, जिसमें विधायक शंकर घोष को गंभीर चोटें आई हैं। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र पर सीधा हमला है। शुभेंदु ने कहा, “हमारे विधायकों के साथ मार्शलों ने बदसलूकी की और शंकर घोष को घायल कर दिया। यह स्पष्ट रूप से तृणमूल कांग्रेस की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है।”