कोलकाता इवेंट में हंगामे को लेकर बीजेपी-TMC ने एक-दूसरे पर बोला हमला (फोटो- सोशल मीडिया)
Lionel Messi Kolkata visit chaos: दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ी लियोनेल मेसी का कोलकाता दौरा एक बुरे सपने में बदल गया। शनिवार को साल्ट लेक स्टेडियम में उनके बहुप्रचारित गोट टूर के दौरान भारी हंगामा हुआ। हालात इतने बिगड़ गए कि मेसी को महज 10 मिनट के भीतर ही मैदान छोड़कर जाना पड़ा। इस कुप्रबंधन ने न केवल हजारों फैंस का दिल तोड़ा है, बल्कि बंगाल की राजनीति में भी उबाल ला दिया है। बीजेपी और टीएमसी अब इस फजीहत के लिए एक-दूसरे का गिरेबान पकड़ रहे हैं, जिससे खेल का मैदान अब सियासी अखाड़ा बन गया है।
स्टेडियम में जो मंजर दिखा, उसने खेल प्रेमियों को शर्मसार कर दिया। 8 से 10 हजार रुपये के महंगे टिकट खरीदकर अपने हीरो की एक झलक पाने आए प्रशंसक तब बेकाबू हो गए जब उन्हें पता चला कि मेसी नहीं रुकेंगे। भीड़ ने गुस्से में बोतलें फेंकीं और होर्डिंग्स फाड़ दिए। सुरक्षा बलों को मेसी को घेरे में लेकर सुरक्षित बाहर निकालना पड़ा। पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार ने बताया कि मुख्य आयोजक को हिरासत में लिया गया है और रिफंड का वादा किया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच भी शुरू कर दी है।
Stop shedding crocodile tears. This mismanagement and corruption are endemic to everything your government does. The TMC has launched a frontal attack on the emotions of the people of West Bengal and insulted every football lover. You must immediately ensure accountability and… https://t.co/JS6OeWfdG6 — Amit Malviya (@amitmalviya) December 13, 2025
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए माफी मांगी है और कहा कि वह इससे काफी आहत हैं। वहीं, बीजेपी ने इसे बंगाल और फुटबॉल दोनों का अपमान बताया है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे टीएमसी सरकार की विफलता बताते हुए खेल मंत्री अरूप बिस्वास और सुजीत बोस के इस्तीफे की मांग की है। बीजेपी का आरोप है कि इस दौरे का राजनीतिक इस्तेमाल किया गया और जनता से भारी रकम वसूली गई, जो अब एक घोटाले जैसा लग रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शुभंकर सरकार ने भी इसे प्रशासनिक विफलता करार दिया है।
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दूसरी ओर, टीएमसी ने खुद को इस आयोजन से अलग कर लिया है। पार्टी नेता कुणाल घोष और प्रवक्ता तौसीफ रहमान का कहना है कि यह एक निजी एजेंसी का कार्यक्रम था, जिसमें सरकार की भूमिका नहीं थी। उन्होंने नारेबाजी और झंडों को लेकर किसी साजिश की आशंका भी जताई है। कोलकाता के कड़वे अनुभव के बाद मेसी अब हैदराबाद पहुंच चुके हैं, लेकिन इस विवाद ने बंगाल की अंतरराष्ट्रीय छवि पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। अब देखना होगा कि जांच में असली गुनहगार कौन निकलता है और निराश फैंस को उनका पैसा वापस कब मिलता है।