बीजेपी और टीएमसी, फोटो - सोशल मीडिया
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। भारतीय जनता पार्टी ने कलिगंज विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए आशीष घोष को पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। यह सीट तृणमूल कांग्रेस विधायक नसीरुद्दीन अहमद के निधन के बाद खाली हुई थी। उपचुनाव 19 जून को आयोजित होंगे और मतगणना 23 जून को होगी।
वहीं, टीएमसी ने भी चुनावी रणभूमि में अपने प्रत्याशी का ऐलान करते हुए अलिफा अहमद को टिकट दिया है। पार्टी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “AITC, चेयरपर्सन ममता बनर्जी की प्रेरणा और नेतृत्व में, 19 जून 2025 को होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा उपचुनाव के लिए अपने उम्मीदवार की घोषणा करते हुए हर्ष का अनुभव कर रही है।”
हालांकि, इस बार का उपचुनाव केवल एक सीट का नहीं, बल्कि कई गंभीर मुद्दों से जुड़ा हुआ है, जिसमें से मुर्शिदाबाद हिंसा सबसे प्रमुख मुद्दा माना जा रहा है। हाल ही में मुर्शिदाबाद जिले के बेटबोना गांव में भयानक हिंसा हुई, जिसमें 113 से अधिक घरों को नुकसान पहुंचा और बड़ी संख्या में लोग अपना घर छोड़कर मालदा में शरण लेने को मजबूर हो गए।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने इस हिंसा की जांच के लिए एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित की थी, जिसने अपनी रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि हमला एक स्थानीय पार्षद के निर्देश पर किया गया था और स्थानीय पुलिस की भूमिका पूरी तरह निष्क्रिय रही।
ग्रामीणों ने शुक्रवार और शनिवार को दोपहर 4 बजे पुलिस को कई बार फोन किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। रिपोर्ट में यह भी दर्ज है कि हमलावर पहले उन घरों की पहचान करते थे जिन्हें अब तक नुकसान नहीं पहुंचा था, और बाद में उन्हें भी आग के हवाले कर देते थे।
इस हिंसा में 74 वर्षीय हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास की निर्मम हत्या भी हुई, जिसे रिपोर्ट में विशेष रूप से उल्लेखित किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, हमलावरों ने दरवाजा तोड़कर उन्हें बाहर निकाला और पीठ पर कुल्हाड़ी से वार किया। एक व्यक्ति तब तक वहां मौजूद रहा जब तक दोनों की मौत नहीं हो गई।
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इन घटनाओं ने कलिगंज उपचुनाव को बेहद संवेदनशील और राजनीतिक रूप से अहम बना दिया है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता इन घटनाओं के आलोक में किस पार्टी पर भरोसा जताती है, बीजेपी के आशीष घोष पर या टीएमसी की अलिफा अहमद पर।