सांकेतिक तस्वीर (AI जनरेटेड)
West Bengal News: आम तौर पर देश के अन्य हिस्सों में बिहार की छवि को धूमिल किया जाता रहा है। लेकिन पश्चिम बंगाल से एक ऐसी घटना सामने आई है, जिसने न केवल बिहार को सम्मान दिलाया है, बल्कि यह भी साबित किया है कि बिहार और बिहारी ईमानदारी की मिसाल हैं।
बिहार के 4 प्रवासी दिहाड़ी मजदूरों ने ईमानदारी की ऐसी मिसाल पेश की है, जिसकी हर तरफ सराहना हो रही है। उन्होंने एक बैंक अधिकारी के 10 लाख रुपये के सोने के गहनों को लौटा दिया, जिसे वो कोननगर रेलवे स्टेशन पर भूल गई थी। ये सभी मजदूर सिवान से लिलुआ में काम करने आए थे।
दरअसल, कोननगर की रहने वाली एक बैंक ऑफिसर रूपश्री रविवार को वह हावड़ा जा रही थीं। उन्हें कोडरमा के लिए वंदे भारत ट्रेन पकड़नी थी। वह सुबह करीब 5:30 बजे ट्रेन में चढ़ीं, लेकिन कीमती गहनों से भरा एक छोटा बैग स्टेशन पर ही भूल गईं। ट्रेन छूटने के बाद उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने तुरंत आरपीएफ और जीआरपी को सूचना दी।
जिसके बाद आरपीएफ और जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की। स्टेशन के CCTV फुटेज से पता चला कि चार लोग सीट से बैग ले गए थे। फुटेज कोननगर के लोकल लोगों को दिखाई गई, लेकिन किसी ने उन लोगों की पहचान नहीं की। RPF ने फुटेज से एक फोन नंबर लिया और मजदूरों से संपर्क किया।
उन्होंने बताया कि वे लिलुआ में काम करते हैं। मजदूरों ने बताया कि वे बैग के मालिक को भी ढूंढ रहे थे। मजदूरों के मुताबिक, उन्होंने बैग के बारे में आस-पास पूछताछ की और पुलिस के पास गए। आखिर में उन्होंने गहनों वाला बैग पुलिस को सौंप दिया।
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अपने गहने वापस पाकर रूपश्री बहुत खुश हुईं। उन्होंने मजदूरों का शुक्रिया अदा किया। उनकी ईमानदारी से इम्प्रेस होकर पुलिस ने चारों मज़दूरों को पैसे देकर सम्मानित किया। दिहाड़ी मजदूरों के लीडर मोहम्मद इस्माइल ने इस मामले पर कहा, “हम झुग्गी-झोपड़ियों में किराए के कमरों में रहते हैं। लेकिन हम मेहनत करके गुज़ारा करना चाहते हैं।”