उत्तर प्रदेश के शामली में एक सरकारी डॉक्टर के बयान से पुलिस महकमें में हंगामा (फोटो- सोशल मीडिया)
UP Police Encounter Doctor Statement Controversy: उत्तर प्रदेश के शामली में एक सरकारी डॉक्टर के बयान के बाद से पूरे पुलिस महकमे में भूचाल आ गया है। यहां एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) के चिकित्साधीक्षक ने पुलिस पर ‘फेक एनकाउंटर’ करने और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हेरफेर करने का सनसनीखेज आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस 20 गोली मारकर लाती है और हम पर दबाव बनाकर लिखवाती सिर्फ एक गोली है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल गया, जिससे पूरे प्रशासनिक महकमें में हड़कंप मच गया।
दरअसल यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब चिकित्साधीक्षक डॉ. दीपक कुमार के कैंप कार्यालय से हाल ही में साढ़े पांच लाख रुपये की चोरी हो गई थी। चोरी का खुलासा न होने पर स्वास्थ्यकर्मियों ने बीते बुधवार को पुलिस के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया। इसी दौरान शहर कोतवाली में हंगामे के बीच डॉ. दीपक इतने आक्रोशित हो गए कि उन्होंने पुलिस मुठभेड़ों पर यह गंभीर आरोप लगा दिए। हालांकि, जैसे ही बयान पर बवाल मचा, डॉक्टर अपने शब्दों से पलट गए और इसे फेक बता दिया।
“एक वीडियो मेरे संज्ञान में आई है, जो फेक है। 2025 के किसी भी एनकाउंटर के पोस्टमार्टम में मैं शामिल नहीं रहा हूं। मेरा लीवर का इलाज चल रहा है। मैं दिमागी रूप से भी टेंशन में रहता हूं” शामली जिला अस्पताल के CMS डॉक्टर दीपक कुमार…pic.twitter.com/tD9c6akJqU https://t.co/3n14Fi8Znm — Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) October 30, 2025
सोशल मीडिया पर कैमरे में कैद हुए वायरल बयान में डॉ. कुमार ने दावा किया, “पुलिस खुद मुलजिम को 20 गोली मारकर लाती है, लेकिन CO और SP खुद खड़े होकर जबरदस्ती रिकॉर्ड में हमसे सिर्फ एक गोली लिखवाते हैं।” उन्होंने पुलिस को चुनौती देते हुए यहां तक कह दिया, “हम खोलेंगे इनके चिट्ठे, मानवाधिकार आयोग से जांच कराएं।” डॉक्टर के इस बयान के बाद से पूरे पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया और इसका वीडियो भी तेजी के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
बयान के वायरल होते ही डॉ. कुमार ने एक नया वीडियो जारी कर अपने शब्दों से पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, “यह वीडियो फेक है। किसी ने मेरी अनजाने में वीडियो बना ली है।” उन्होंने अपने लिवर, हार्ट और दिमागी तनाव का हवाला देते हुए कहा कि किसी ने ‘अनजाने में उनसे कुछ भी बुलवा लिया है’ जिसका वह खंडन करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2025 के किसी भी एनकाउंटर के पोस्टमार्टम में वह सम्मिलित नहीं रहे हैं।
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वहीं, इस मामले पर शामली पुलिस ने भी प्रेस नोट जारी कर उनके दावों की पोल खोल दी। पुलिस ने स्पष्ट किया कि वर्ष 2025 में हुए किसी भी पुलिस मुठभेड़ के पोस्टमॉर्टम पैनल में डॉ. दीपक चौधरी (कुमार) शामिल ही नहीं रहे हैं, इसलिए उनके आरोप प्रमाणिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। पुलिस ने बताया कि चोरी के मामले में 21 अक्टूबर को FIR दर्ज की गई थी। डॉ. चौधरी द्वारा बताए गए तीन संदिग्धों नीशू, सौरभ और सलमान से पूछताछ की गई, लेकिन उनकी संलिप्तता पुष्ट नहीं हुई है। पुलिस ने कहा कि घटना का खुलासा करने के लिए CO नगर के नेतृत्व में कैराना, झिंझाना, कोतवाली, स्वॉट और सर्विलांस समेत कई टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही गिरफ्तारी का आश्वासन दिया है।